कुछ लोगों में ब्लड क्लॉट्स की शिकायत के बाद जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन समेत कई यूरोपीय देशों ने एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन को रोक दिया है. हालांकि, कंपनी और अंतरराष्ट्रीय नियामक संस्थाओं का कहना है कि वैक्सीन को इल्जाम देने का कोई सबूत नहीं है. लेकिन इतना कहा जा सकता है कि यूरोपीय यूनियन के टीकाकरण अभियान को धक्का लगा है. सदस्य देश पहले ही वैक्सीन की कमी और अन्य बाधाओं से जूझ रहे थे. अब नई मुसीबत ने अभियान को तेज करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर दिया है.


ब्लड क्लॉट्स के बाद कोविड-19 वैक्सीन पर अस्थायी रोक


बढ़ती चिंता के बीच यूरोपीय यूनियन की दवा नियामक एजेंसी ने गुरुवार को मीटिंग बुलाई है. उसमें विशेषज्ञ एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर समीक्षा करेंगे और फैसला लेंगे कि आगे क्या किया जा सकता है. जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को स्थगित करने का फैसला देश के वैक्सीन रेग्यूलेटर की सलाह पर लिया गया गया था. उसने डोज लगवा चुके लोगों के दिमाग में क्लॉट्स के सात मामलों की आगे जांच की मांग की थी. उन्होंने बताया कि स्थगित करने का फैसला शुद्ध रूप से एहतियाती उपाय है.


फ्रांस के राष्ट्रपति एनुमेल मैक्रां ने कम से कम मंगलवार की दोपहर तक वैक्सीन वितरण बंद करने की बात कही. स्पेन, स्लोवेनिया और पुर्तगाल की तरह इटली ने भी अस्थायी बैन का एलान किया है. इससे पहले कुछ दिनों में डेनमार्क, आयरलैंड, नीदरलैंड, नार्वे, आइसलैंड, बुल्गारिया और कांगों भी ऐसा कर चुके हैं. डेनमार्क ने सबसे पहले एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल को रोकने का एलान किया था.


WHO ने कहा सबूत नहीं और टीकाकरण जारी रखा जाए


हालांकि, कनाडा और ब्रिटेन ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन के समर्थन में अब तक खड़े हैं. आनेवाले कुछ दिनों में उम्मीद है कि एस्ट्राजेनेका अपनी वैक्सीन के लिए अमेरिका में मंजूरी के लिए आवेदन कर सकता है. अमेरिका अभी फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन पर निर्भर है. एस्ट्राजेनेका ने बताया है कि डोज ले चुके यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन के 17 मिलियन लोगों में मात्र 37 ब्लड क्लॉट्स के मामले सामने आए.


कंपनी का कहना है कि इस बात के सबूत नहीं हैं कि वैक्सीन से क्लॉट्स का ज्यादा खतरा है. उसके मुताबिक, वास्तव में क्लॉट्स की घटनाएं उम्मीद से बहुत कम हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूरोपीय यूनियन की यूरोपीय मेडिसीन एजेंसी ने भी डेटा के हवाला से प्रतिक्रिया दी है. दोनों संस्थाओं ने बताया कि वैक्सीन से क्लॉट्स का सबूत नहीं मिला है और लोगों का टीकाकरण जारी रखा जाना चाहिए. यूरोपीय मेडिसीन एजेंसी ने कहा, "यूरोपीय यूनियन में विभिन्न कारणों से सालाना हजारों लोगों को ब्लड क्लॉट्स होता है." लेकिन वैक्सीन इस्तेमाल कर चुके लोगों में घटना 'आम आबादी के मुकाबले ज्यादा नहीं नजर आती.'


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