Qatar News: कतर में इस्लामिक स्टडीज के प्रोफेसर डॉ. शफी अल-हजरी ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि इस्लाम के प्रचार के लिए युद्ध सबसे आखिरी कदम है. शुक्रवार (25 नवंबर) को रेयान टीवी (कतर) से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को इस्लाम की ओर आमंत्रित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपने आप को संरक्षित करने के लिए जजिया टैक्स देना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जो भी इसका विरोध करता है उससे लड़ना चाहिए.


दूसरों से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए उन्हें जजिया टैक्स देना पड़ता है. उन्होंने कहा कि अगर वे लोग मना करते हैं तो तीसरा चरण उनसे युद्ध करना है. युद्ध इस्लाम को फैलाने के लिए तीसरे चरण का हिस्सा है. सबसे पहले हम लोगों को अल्लाह की ओर बुलाते हैं, और यदि वे स्वीकार करते हैं, तो उनके पास वही कर्तव्य और अधिकार होंगे जो हमारे पास हैं. अगर वे इनकार करते हैं तो उन्हें जजिया टैक्स देना होगा.


क्या है जजिया 


जजिया एक टैक्स है, जो गैर-मुसलमानों द्वारा इस क्षेत्र पर शासन करने वाली इस्लामी व्यवस्था को संरक्षण कर के रूप में दिया जाता है. उन्होंने यह भी कहा कि याद किया जा सकता है कि इस्लामिक शासन के समय भारत में मुस्लिम जजिया संग्राहकों द्वारा हिंदुओं को अपमानित किया गया था. 


कतर की हुई थी आलोचना


2022 फीफा विश्व कप के दौरान बाहर से आए लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कई तरीकों के लिए कतर की काफी आलोचना की गई है. कतर की राजधानी दोहा में कटारा कल्चर विलेज मस्जिद गैर-मुस्लिम आगंतुकों के धर्मांतरण के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है.


इस्लाम की कई किताबें भी दी जा रही है


मस्जिद में बहुभाषी पुरुष और महिला इस्लाम प्रचारक और दूसरों को धर्म द्वारा प्रचारित सहिष्णुता होने की व्याख्या करते हैं. बाहर से आए लोगों को इस्लाम पर इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड देखने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो 30 विभिन्न भाषाओं में दिखाई जाती हैं. उनके बीच कई ऐसी पुस्तकें भी बांटी जा रही हैं, जो इस्लाम की महानता और महत्व के बारे में बताती हैं.


कतर ने जाकिर नाइक को भी बुलाया 


कतर के अवाक्फ और इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने 2022 फीफा विश्व कप के आयोजित जगह के बाहर एक पंडाल भी बनाया है, जहां बाहर से आए लोगों को इस्लाम और उसके उपदेशों से परिचित कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हाल ही में यह बताया गया था कि कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक, जो भारत में वित्तीय धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के लिए वांछित है, इस्लाम का प्रचार करने के लिए कतर पहुंचा. 2016 का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह कतर में लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करते हुए देखा जाता है.


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