Godfather of Sudoku dies: जापानी खेल सुडोकू के पितामाह कहे जाने वाले माकी काजी का 69 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके बनाए गणित की पहेली वाले खेल सुडोकू रोजाना दुनिया में करोड़ों लोग खेलते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरी दुनिया को अपने बनाए खानेनुमा खेल में फंसाने वाले माकी काजी यूनिवर्सिटी ड्रॉपआउट थे.
वे जापान की एक प्रिंटिंग कंपनी में काम करते थे. बाद में उन्होंने अपनी खुद की पहेली मैग्जीन की शुरुआत की. माकी काजी के अपने खेल का नाम सुडोकू रखने के पीछे भी एक रोचक कहानी है. दरअसल जापानी भाषा में सुडोकू का मतलब होता है- हर नंबर सिंगल होना चाहिए. उन्होंने इसे 80 के दशक में मध्य में बनाया था.
‘सुडोकू के गॉडफादर’ के रूप में चर्चित काजी ने यह पहेली तैयार की थी, जो बच्चों एवं उन अन्य लोगो के लिए आसान हो, जो अधिक सोचना नहीं चाहते थे. उसका नाम अंकों के जापानी चरित्रों से बना है. इसमें खिलाड़ी पंक्ति स्तंभों एवं ब्लॉक में बिना दोहराये एक से नौ तक के अंक भरते हैं.
विडंबना है कि 2004 में सुडोकू वैश्विक स्तर पर सुर्खियों में आया, जब न्यूजीलैंड के एक प्रशंसक ने आगे आकर उसे ब्रिटिश अखबार ‘द टाइम्स’ में प्रकाशित करवाया. काजी अपनी पहेली कंपनी निकोली कंपनी के जुलाई तक मुख्य कार्यकारी थे. उनका यहां मिटाका में 10 अगस्त को निधन हो गया. उन्हें पेट का कैंसर था.
निकोली के अनुसार, माकी ने 30 से अधिक देशों की यात्रा की थी और अपनी पहेली का प्रचार किया था. सुडोकू चैंपियनशिप में कई सालों में 100 देशों के 20 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया.
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