MalalaTargets Taliban: नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने कहा है कि तालिबान अफगानिस्तान में पब्लिक लाइफ से लड़कियों और महिलाओं को दूर कर देना चाहता है. मालाला की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब तालिबान ने अफगान महिलाओं के लिए सार्वजनिक जगहों पर सिर से पैर तक का बुर्का अनिवार्य कर दिया है. मलाला ने दुनिया से अफगान महिलाओं और लड़कियों के लिए आवाज उठाने की अपील की.
यूसुफजई ने ट्वीट कर कहा कि तालिबान लड़कियों को स्कूल जाने से और महिलाओं को नौकरी करने से रोकना चाहता है, उन्हें परिवार के किसी पुरुष सदस्य के बिना यात्रा करने की क्षमता से वंचित करना चाहता है, और उन्हें अपने चेहरे और शरीर को पूरी तरह से ढकने के लिए मजबूर करना चाहता है.
मलाला ने कहा, "हमें अफगान महिलाओं के लिए चिंतित होने की भावना नहीं खोनी चाहिए क्योंकि तालिबान का अपने वादों को तोड़ना जारी है. अब भी, महिलाएं अपने मानवाधिकारों और सम्मान के लिए लड़ने के लिए सड़कों पर उतर रही हैं - हम सभी, और विशेष रूप से मुस्लिम देशों के नागरिकों को, उनके साथ खड़ा होना चाहिए."
दुनिया के नेताओं से की अपील
यूसुफजई ने दुनिया भर के नेताओं से लाखों महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए तालिबान को जवाबदेह ठहराने के लिए सामूहिक कार्रवाई करने को कहा. गौरतलब है कि पाकिस्तान की मलाला को लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज उठाने पर तालिबानी आतंकवादियों ने स्वात इलाके में सिर पर गोली मारी थी. गंभीर रूप से घायल मलाला का पहले पाकिस्तान में उपचार हुआ फिर बेहतर उपचार के लिए उसे ब्रिटेन ले जाया गया था.
तालिबान ने महिलाओं पर लगाए कई प्रतिंबध
बता दें पिछले साल अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद तालिबान ने दावा किया था कि इस बार उसका शासन (1996 से 2001 तक) पिछले कार्यकाल की तुलना में नरम होगा. लेकिन तालिबान अपने वादे को निभाता नहीं दिख रहा है बल्कि उसने महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. उन्हें कई सरकारी नौकरियों, माध्यमिक शिक्षा, और अपने शहरों या अफगानिस्तान के बाहर अकेले यात्रा करने से प्रतिबंधित कर दिया है.
तालिबान के दो शासनकाल के बीच के 20 वर्षों के समय में, लड़कियों को स्कूल जाने की अनुमति दी गई और महिलाओं को सभी क्षेत्रों में रोजगार की तलाश करने में सक्षम बनाया गया, हालांकि देश सामाजिक रूप से रूढ़िवादी बना रहा.
यह भी पढ़ें: