Malawi Plane Crash : 10 जून को दक्षिण-पूर्वी अफ्रीकी देश मलावी के उपराष्ट्रपति की प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी. अब अंतिम संस्कार के लिए उनका शव ले जा रहे काफिले में बड़ा हादसा हो गया. यहां एक कार ने भीड़ को कुचल दिया. जिससे कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 12 घायल हो गए. पुलिस के मुताबिक, उपराष्ट्रपति सौलोस चिलिमा की मौत के बाद लोग शोक मना रहे थे. इसी दौरान एक वाहन ने शोक मना रहे कुछ लोगों को रौंद दिया है.


राजधानी लिलोंग्वे से 180 किलोमीटर दूर चिलिमा के पैतृक गांव एनसिपे में सोमवार को उनका अंतिम संस्कार होना था, लेकिन उससे पहले ही यह हादसा हो गया. इसमें पैदल जा रहे 2  पुरुष और 2 महिलाओं को गाड़ी ने कुचल दिया. वहीं, 12 लोग भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. बता दें कि 10 जून को मलावी के उपराष्ट्रपति सौलोस चिलिमा की विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी. उनके साथ 9 अन्य लोग भी मारे गए थे. घने कोहरे में सैन्य विमान मलावी के चिकंगावा वन में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसका मलबा मंगलवार को मिला था।


जुलूस को रोकने की थी कोशिश, इसी दौरान हुआ हादसा
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि 12 अन्य लोग घायल हुए हैं. उपराष्ट्रपति की झलक पाने के लिए हजारों लोग सड़कों पर खड़े थे. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि भीड़ से दूर जाने की कोशिश में वाहन भीड़ में ही जा घुसा. चिलिमा की पार्टी के प्रवक्ता फेलिक्स नजावाला ने कहा कि रास्ते में कुछ जगह तनाव था, क्योंकि शोक मनाने वाले लोग चाहते थे कि जुलूस को रोका जाए, ताकि वे ताबूत को देख सकें. वहीं, उपराष्ट्रपति के पैतृक गांव में हजारों लोग अंतिम दर्शन के लिए सड़कों पर कतार में थे.एक तरफ भीड़ को बचाने के दौरान वाहन दूसरी तरफ भीड़ पर चढ़ गया. फेलिक्स ने बताया कि डेडजा में लोगों ने रास्ते को बाधित किया और उपराष्ट्रपति के अंतिम दर्शन की मांग करने लगे, मौके पर कुछ लोगों की तरफ से काफिले पर पत्थरबाजी भी की गई थी.


10 जून को हुआ था प्लेन हादसा
एएफपी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, डेडजा में लोगों ने सड़क रोक कर ताबूत देखने की मांग की थी. जब काफिला रुका तो लोग शांत हुए और काफिला आगे बढ़ सका. कुछ मामलों में लोगों ने काफिले पर पथराव भी किया. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने को कहा था. वहीं, पार्टी ने प्लेन हादसे की जांच की भी मांग की है. यह हादसा 10 जून को घने कोहरे के कारण हुआ था. जिसमें मलावी के उपराष्ट्रपति सौलोस चिलिमा और 9 अन्य लोग भी मारे गए थे.