मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजक ने एक मस्जिद में धार्मिक शपथ ली जिसमें उन्होंने दावा किया कि मंगोलियाई महिला की हत्या के आदेश उन्होंने नहीं दिए थे. 2006 में एक मंगोलियाई महिला की हत्या की गई थी. इस हत्या के आरोपों को नजीब ने खारिज किया है.


भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे नजीब ने कहा कि 28 साल की महिला की हत्या में उनका कोई हाथ नहीं है. ये उनके राजनैतिक विरोधियों द्वारा उन्हें जेल भेजने की एक साजिश है.


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जिस वक्त इस हत्या को अंजाम दिया गया था, उस वक्त नजीब की सुरक्षा में तैनात दो पुलिसवालों को साल 2015 में हत्या के आरोपों में मौत की सजा सुनाई गई थी.


ये जिस वक्त की बात है, उस वक्त नजीब मलेशिया के उपप्रधानमंत्री थे और रक्षा मंत्रालय के प्रभार भी उन्हीं के पास था. मंगोलियाई महिला को गोली मारे जाने के बाद बम से उड़ा दिया गया था.


ये विस्फोट कुआलालंपुर के बाहरी जंगल में हुआ था और इसके लिए सैन्य विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था.


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नजीब ने कहा- अल्लाह के पवित्र घर में शुक्रवार के रोज मैं कसम खाता हूं कि मैंने कभी मंगोलियन महिला की हत्या के आदेश नहीं दिए. उन्होंने सेंट्रल कुआलालंपुर की मस्जिद में ये बातें कहीं जहां वो अपनी पत्नी और बेटी के साथ पहुंचे थे.


नजीब ने कहा- मैं कभी उस महिला से नहीं मिला ना ही उसे जानता था. अगर मैंने झूठ बोला है अल्लाह का कहर मुझपर बरसे और अगर मैंने सच बोला है तो मुझे फंसाने वालों पर अल्लाह का कहर हो.


अलतनतुया शारीबू नाम की मंगोलियाई महिला को नजीब के अंगरक्षक ने विदेशी जासूस बताया था. नजीब ने इन आरोपों को झुठलाते हुए कहा कि यह आरोप उनकी और उनकी सरकार को बदनाम करने की साजिश है.