Malaysia: कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी रोसमा मंसूर को सुनाई 10 साल की सजा, जानें क्या है पूरा मामला
Malaysia News: 70 वर्षीय रोसमा पर साल नजीब सरकार के दौरान एक कंपनी को 279 मिलियन डॉलर की सौर ऊर्जा आपूर्ति परियोजना का कॉन्ट्रैक्ट दिलाने में मदद करने के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था.
Malasiya Former PM Wife Bribe Case: मलेशिया (Malasiya) की शीर्ष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक (Former PM Najib Razak) की पत्नी रोसमा मंसूर (Rosmah Mansor) को गुरुवार को दस साल की सजा सुनाई. कोर्ट ने उन्हें यह सजा सरकारी कॉन्ट्रैक्ट (Government Contracts) के बदले रिश्वत (Bribes) लेने के आरोप में सुनाई है. सर्वोच्च अदालत ने कुछ दिन पहले ही उनके पति और पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को सरकारी खजाने में अरबों डॉलर की हेराफेरी करने दोषी पाए जाने पर 12 साल जेल की सजा सुनाई थी.
कुआलालंपुर उच्च न्यायालय (Kuala Lumpur High Court) के न्यायाधीश मोहम्मद ज़ैनी मज़लान ने मामले की सुनवाई के दौरान रोसमा मंसूर को रिश्वत के तीन आरोपों में 970 मिलियन रिंगिट (216.45 मिलियन डॉलर) का जुर्माना भरने का फैसला भी सुनाया. न्यायाधीश ने उनकी सजा पर रोक लगा दी, इसलिए रोसमा गुरुवार को जेल नहीं जाएगी. वह दो उच्च न्यायालयों में फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है. पारंपरिक मलेशियाई लिबास में कोर्ट पहुंची रोसमा मंसूर ने फैसले के तुरंत बाद अदालत से कहा, "मुझे यह स्वीकार करना होगा कि आज जो हुआ उससे मैं बहुत दुखी हूं. किसी ने मुझे पैसे लेते हुए नहीं देखा, किसी ने मुझे पैसे गिनते नहीं देखा लेकिन अगर यह निष्कर्ष है, तो मैं इसे भगवान पर छोड़ देती हूं."
असाधारण लाइफ स्टाइल के लिए मशहूर रोसमा
मलेशिया की पूर्व प्रथम महिला को उनके पति नजीब रजाक के पीछे एक शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में देखा जाता है. वह पूरे मलेशिया में अपनी असाधारण लाइफ स्टाइल और हेंमीज बर्किन बैग के लिए काफी मशहूर है, जिसके के लिए कई लोग उनकी आलोचना भी करते हैं.
रोसमा मंसूर पर लगे ये आरोप
बता दें कि 70 वर्षीय रोसमा पर साल 2016 और 2017 में नजीब सरकार के दौरान एक कंपनी को 279 मिलियन डॉलर की सौर ऊर्जा आपूर्ति परियोजना का कॉन्ट्रैक्ट दिलाने में मदद करने के बदले रिश्वत लेने को लेकर तीन आरोप लगाए गए थे. अभियोजन पक्ष ने रोसमा पर 87.5 मिलियन रिंगिट (41.80 मिलियन डॉलर) की रिश्वत मांगने का आरोप लगया था.
आरोप है कि रोसमा ने कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के बदले कंपनी के एक अधिकारी से 6.5 मिलियन रिंगिट बतौर रिश्वत प्राप्त की. वहीं, रोसमा ने अपने बचाव में कहा कि उसे उसके पूर्व सहयोगी के साथ-साथ परियोजना में शामिल कई सरकारी और कंपनी के अधिकारियों ने फंसाया था.
इसे भी पढ़ेंः-
Explained: कौन हैं उइगर मुसलमान और क्यों बीजिंग करता है इनसे नफरत? क्या है चीन में इनकी स्थिति?
भारत में हर 30 मिनट पर एक हाउसवाइफ ले रही है अपनी जान, जानिये क्या है वजह