Malaysian Federal Court: मलेशिया के फेडरल कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि उत्तरपूर्वी राज्य केलंतन में लागू 16 इस्लामी कानून (शरिया कानून) असंवैधानिक हैं और इनका देश की कानूनी व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ता है. कोर्ट ने शुक्रवार (9 फरवरी) को यह फैसला 8-1 के बहुमत से सुनाया.
कोर्ट ने कहा कि केलंतन की राज्य सरकार के पास सोडोमी से लेकर यौन उत्पीड़न, गलत जानकारी रखने, नशा और स्केल मीजरमेंट जैसे अपराधों पर कानून बनाने की शक्ति नहीं है, क्योंकि ये पहले से ही सिविल लॉ में शामिल थे.
मलेशिया में डुअल लीगल सिस्टम
मलेशिया एक संघीय देश है, जहां इस्लाम धर्म से संबंधित कानून राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. देश डुअल लीगल सिस्टम से चलता है. मलेशिया में इस्लामी कानून मुसलमानों पर लागू होता है, जिनकी आबादी लगभग 60 प्रतिशत है. वहीं, अन्य सभी अपराध सिविल अदालतों के जरिए निपटाए जाते हैं.
जातीय मलय मुस्लिम संस्कृति के गढ़ माने जाने वाले केलंतन पर 1990 से विपक्षी पार्टी इस्लाम सेमलेशिया (PAS) का शासन है. मलेशिया के BFM रेडियो ने चीफ जस्टिस तेंगकु मैमुन तुआन माई के हवाले से कहा, "संसद और राज्य विधानसभाओं की शक्ति संघीय संविधान के तहत सीमित है और वे अपनी पसंद का कोई भी कानून नहीं बना सकते हैं."
दो महिलाओं ने दायर की थी याचिका
कोर्ट का यह फैसला राज्य सरकार की ओर से इस्लामी कानूनों का एक नया सेट पारित करने के खिलाफ आया है. इस मामले में 2022 में केलंतन के वकील निक एलिन जुरिना निक अब्दुल रशीद और उनकी बेटी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. दोनों ने 18 इस्लामिक कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी.
उनका कहना था कि ये कानून राज्य विधानसभा के अधिकार क्षेत्र के बाहर हैं और संसद पहले ही इनको लेकर कानून बना चुकी है. अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल कोर्ट ने दो कानूनों को रद्द नहीं किया. चीफ जस्टिस तेंगकु मैमुन ने जोर देकर कहा कि दोनों महिलाओं ने इस्लाम या इस्लामी लीगल सिस्टम को चुनौती देने के लिए यह याचिका दायर नहीं की थी.
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