मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने मंगलवार (20 अगस्त, 2024) को विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को लेकर बात की. जाकिर नाइक अभी मलेशिया में ही है. अनलर इब्राहिम ने संकेत दिया कि अगर भारत जाकिर के खिलाफ सबूत दिए तो उनकी सरकार उसे प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध पर विचार कर सकती है.


यहां इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स में एक सत्र के दौरान इब्राहिम ने यह भी कहा कि इस मुद्दे की वजह से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार पर कोई गतिरोध पैदा नहीं होना चाहिए. एक विशिष्ट सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मंगलवार की वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने इस मुद्दे को नहीं उठाया.


जाकिर नाइक कथित धन शोधन मामले और नफरती भाषणों के जरिए चरमपंथ भड़काने के मामले में भारत के लिए वांछित है. वह 2016 में भारत से चला गया था. इस्लामिक उपदेशक को महातिर मोहम्मद के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार ने मलेशिया में स्थायी निवास की अनुमति दी थी.


मलेशियाई पीएम इब्राहिम ने कहा, 'सबसे पहले, यह मुद्दा (भारतीय पक्ष) द्वारा नहीं उठाया गया, प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने इसे बहुत पहले उठाया था, कुछ साल पहले... लेकिन मसला यह है कि मैं एक व्यक्ति के बारे में बात नहीं कर रहा हूं, मैं उग्रवाद की भावना के बारे में बात कर रहा हूं, एक बाध्यकारी मामले और सबूत के बारे में बात कर रहा हूं. जो किसी व्यक्ति या समूह या गुट या पार्टियों द्वारा किए गए अत्याचारों का संकेत देते हों, जो किसी व्यक्ति या समूह या गुट या पार्टियों द्वारा किए गए महापाप को साबित करे.'


मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अगर कोई भी अनुरोध और सबूत दिया जाता है तो उस पर विचार के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, 'हम आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देंगे...इसको लेकर हमारा रुख स्पष्ट है और हम आतंकवाद के खिलाफ इनमें से कई मुद्दों पर भारत के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस एक मामले की वजह से हमें आगे के सहयोग और हमारे द्विपक्षीय संबंध में गतिरोध पैदा करना चाहिए.'


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