Malaysian PM Visit: भारत दौरे पर आए मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कई लोगों से मुलाकात की. इस दौरान पीएम इब्राहिम हल्के फुल्के मस्ती के अंदाज में नजर आए. प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने गुरुवार, 22 अगस्त को दिल्ली से विदाई लेते हुए बॉलीवुड का क्लासिक गाना 'दोस्त दोस्त ना रहा' गाया. वहीं, प्रधानमंत्री बनने के बाद अनवर इब्राहिम पहली बार भारत आए थे.


पीटीआई के मुताबिक, मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम अपने समकक्ष भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत की आधिकारिक तीन दिवसीय यात्रा पर आए थे. जहां दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए पहल की खोज पर काम करना जारी रख रहे हैं. जिन्हें 2015 में एक उन्नत रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था.


जानिए इंडिया क्या करने आए थे अनवर इब्राहिम?


मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम पहले भारत दौरे पर 19 अगस्त, 2024 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे थे. वह नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर तीन दिवसीय आधिकारिक भारत दौरे पर आए थे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष जेपी नड्डा से भेंट की थी. दोनों नेताओं ने बीजेपी और मलेशिया की पीपुल्स जस्टिस पार्टी के बीच आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाकर दोनों दलों के संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई.


दोनों नेताओं की यह मुलाकात ‘भाजपा को जानें’ पहल के हिस्से के रूप में हुई. उन्होंने इसके अलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी.






जाकिर नाइक को लेकर क्या है मलेशियाई PM का रुख? 


अनवर इब्राहिम ने मंगलवार को संकेत दिया कि अगर भारत, विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के खिलाफ सबूत देता है तो उनकी सरकार उसे प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध पर विचार कर सकती है. ‘इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स’ में सत्र के दौरान इब्राहिम बोले कि इस मुद्दे की वजह से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार पर कोई गतिरोध पैदा नहीं होना चाहिए.


भारत-मलेशिया के बीच कौन से समझौते हुए?


पीएम मोदी और उनके मलेशियाई समकक्ष के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों पर गहन बातचीत हुई. फिर भारत और मलेशिया ने मंगलवार को फैसला किया कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को समग्र रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाएंगे. दोनों देशों ने कम से कम आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से एक मलेशिया में भारतीय श्रमिकों की भर्ती को बढ़ावा देने तथा उनके हितों की सुरक्षा से जुड़ा है.  


महातिर मोहम्मद के मलेशिया के प्रधानमंत्री रहने के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ गतिरोध पैदा हो गया था. वार्ता का मुख्य उद्देश्य संबंधों को फिर से गति प्रदान करना था.


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