Maldives: मालदीव तुर्की से खरीद रहा 'रूस किलर' ड्रोन और भारत से कह रहा कर्ज में राहत दो, नापाक चाल पर बड़ा खुलासा
Maldives Drone Deal: भारत के रक्षा विशेषज्ञ ने मालदीव की चाल का बड़ा खुलासा किया है, उन्होंने बताया कि मालदीव किस तरह से तुर्की से ड्रोन खरीद रहा है और भारत को कर्ज वापस करने में आनाकानी कर रहा है.
Maldives Drone Deal: चीन के इशारों पर चलने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की एक और नापाक चाल का खुलासा हुआ है. बात-बात पर भारत के खिलाफ जहर उगलने वाला देश मालदीव, भारत से कर्ज में राहत मांग रहा है. हाल ही में दिल्ली दौरे पर आए मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने कर्ज चुकाने के लिए भारत से अतिरिक्त समय देने की मांग की है. दूसरी तरफ मालदीव तुर्की से किलर ड्रोन खरीद रहा है, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह पैसा मालदीव को कहां से मिल रहा है. भारत के रक्षा विशेषज्ञ ने मालदीव की इस नापाक चाल का खुलासा किया है.
भारत के रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने कहा कि छोटे से द्वीप राष्ट्र मालदीव ने 37 मिलियन डॉलर यानी 309 करोड़ खर्च करके तुर्की से टीबी-2 ड्रोन की खरीद की है. इससे मालदीव की सेना असाधारण रूप से ड्रोन शक्ति बनी है. दूसरी तरफ मालदीव ने भारत से कर्ज में राहत की मांग की है. चेलानी का इशारा मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के बयान की तरफ था. मूसा जमीर ने भारत सरकार से 2019 में उधार लिए 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर में से 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर की भुगतान अवधि बढ़ाने की मांग की गई है. मालदीव अभी तक सिर्फ 50 मिलियन डॉलर की लौटाया है.
सैनिकों को भेजकर अपनी ही चाल में फंसा मालदीव
ब्रह्म चेलानी ने मालदीव की एक और चाल पर तंज कसा है, उन्होंने कहा कि इससे मालदीव का ही नुकसान हुआ है. चेलानी ने बताया कि मालदीव में तैनात 76 भारतीय सैनकों को मुइज्जू ने वापस भारत भेज दिया. दूसरी तरफ उनके ही रक्षा मंत्री ने स्वीकार किया है कि भारत की तरफ से दिए गए हेलिकॉप्टर और डोर्नियर विमानों के संचालन के लिए उनके पास सक्षम पायलट नहीं हैं, जबकि भारत की तरफ से दिए गए यह विमान मालदीव के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. मालदीव में ये विमान इमरजेंसी में राहत और बचाव का कार्य करते रहे हैं. इन विमानों की मदद से इमरजेंसी चिकित्सा भी उपलब्ध कराई जा रही थी.
The crisis-torn Maldives, a tiny archipelago nation in the Indian Ocean, has extravagantly created its own fleet of drones by importing the Turkish-built Bayraktar TB2s for $37 million. Yet it is seeking debt relief from India.
— Brahma Chellaney (@Chellaney) May 13, 2024
In another jarring paradox, after compelling India…
मालदीव में भारतीय सैनिकों से चीन को परेशानी
दरअसल, मालदीव के रक्षा मत्री घासन मौमून ने हाल ही में कहा था कि उनके पास भारत की तरफ से दान में दिए गए विमानों के संचालन के लिए सक्षम पायलट नहीं हैं. यह बयान तब सामने आया जब भारत के सभी 76 सैनिक भारत वापस आ चुके थे. मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही भारतीय सैनिकों की वापसी पर दबाव बनने लगा था. चीन परस्त मुइज्जू की हमेशा से मंसा रही है कि भारतीय सैनिकों की तैनाती मालदीव में नहीं रहे, क्योंकि चीन को भारत के सैनिकों से परेशानी होती है.
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