Maldives China Relations : चीन के इशारे पर भारत से पंगा लेने वाले मालदीव की हालत अब खराब हो रही है.गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए मालदीव अब चीन के पास पहुंचा. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन के साथ दोस्ती बढ़ाने के लिए अब अपने विदेश मंत्री मूसा जमीर को 5 दिन के दौरे पर बीजिंग भेजा है. सोमवार को मूसा जमीर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात की. मालदीव के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मूसा जमीर ने कर्ज से जूझ रहे देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए चीन से मदद की गुहार लगाई है. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि जमीर ने वांग से मुलाकात के दौरान मालदीव की आर्थिक और राजकोषीय स्थिति के बारे में जानकारी दी. उन्होंने राजकोषीय सुधार कार्यक्रम को लागू करने में चीन से मदद का अनुरोध किया. मूसा जमीर ने कहा, सुधार कार्यक्रम लागू होने से देश की अर्थव्यवस्था में उपभोक्ता और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा. 


आईएमएफ ने दी थी चेतावनी
इस समय मालदीव की अर्थव्यवस्था संकट में है. पूरा देश टूरिज्म पर टिका हुआ है. पीएम मोदी जब लक्षद्वीप गए थे तो मालदीव में भारतीयों की संख्या में और गिरावट आई. इसी साल मई में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी मालदीव को लेकर चेतावनी जारी की थी. आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यदि मालदीव ने नीतिगत बदलाव नहीं किए तो बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है.


मालदीव पर चीन का 1.3 अरब डॉलर कर्ज 


मालदीव पर इस समय चीन का ही 1.3 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज है, जो उसके कुल कर्ज का 20 प्रतिशत है. वहीं, देश का राजकोषीय घाटा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. इससे ही उभरने के लिए मालदीव अब चीन के पास चक्कर लगा रहा है. इससे पहले ही मई में चीनी राजदूत वांग लिक्सिन ने कहा था कि मालदीव के चीन से कर्ज में राहत देने के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है. हालांकि यह साफ किया कि कर्ज के पुनर्गठन की कोई योजना नहीं है. वांग ने कहा था कि मालदीव के बढ़ते कर्ज से चीन भी चिंतित है.