मालदीव संकट: किसी भी तरह के सैन्य हस्तक्षेप के पक्ष में नहीं है भारत
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने भारत से मदद की गुहार लगाई है कि भारत मालदीव में चल रहे संकट में दखल दे, लेकिन भारत सरकार पूरे मामले पर पैनी नजर जरूर बनाए हुए लेकिन दखलअंदाजी के पक्ष में नहीं है.
नई दिल्ली: मालदीव में चल रहे संकट में भारत किसी भी तरह के सैन्य हस्तक्षेप करने के पक्ष में नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, मालदीव में चल रहा संकट उनका अंदरूनी है और 1988 जैसी ऑपरेशन कैक्टस जैसी सैन्य कारवाई नहीं करेगा.
मालदीव में चल रहे संकट में दखल दे भारत- पूर्व राष्ट्रपति नशीद
दरअसल. मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने भारत से मदद की गुहार लगाई है कि भारत मालदीव में चल रहे संकट में दखल दे, लेकिन भारत सरकार पूरे मामले पर पैनी नजर जरूर बनाए हुए लेकिन दखलअंदाजी के पक्ष में नहीं है. सूत्रों की मानें तो नौसेना और वायुसेना को जरूर अलर्ट पर रखा गया है. ताकि संकट के समय वहां फंसे भारतीय नागरिकों को निकाला जा सके.
भारत ने 1988 में मालदीव की सरकार को तख्ता पलटने से बचाया था
इस बार मालदीव की सरकार ने खुद देश में इमरजेंसी लगाई है. हालांकि मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुला यामीन ने देश में इमरजेंसी पूर्व राष्ट्रपति नशीद के कारण ही लगाई है. भारत ने 1988 में मालदीव की सरकार को तख्ता पलटने से बचाया था. उस वक्त भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स, पैरा-एसएफ कमांडोज़ ने नौसेना की मदद से एक बड़ा ऑपरेशन किया था और तख्ता पलटने की कोशिश कर रहे लड़ाकों को मार गिराया था.
भारत ने मालदीव में चलाया था 'ऑपरेशन कैक्टस'
इस ऑपरेशन को भारतीय सेना की फाइलों में 'ऑपरेशन कैक्टस' नाम दिया गया था. सूत्रों के मुताबिक, उस वक्त मालदीव की सरकार को हथियारों के बल पर गिराने की कोशिश की गई थी और उसमें श्रीलंका के भी कुछ भाड़े के लड़ाके मदद कर रहे थे. साथ ही उस दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति गयूम ने तख्ता पलटने के खिलाफ मदद मांगी थी, जिसके बाद ही सरकार ने इतना बड़ा मिलिट्री ऑपरेशन किया था. गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति गयूम को भी नशीद ने जेल भेज दिया है.
नशीद को एक पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किया बरी
दरअसल, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति नशीद को देश के सुप्रीम कोर्ट ने एक पुराने मामले में बरी कर दिया है. जिसके चलते नशीद जो इन दिनों लंदन में शरण लिए हुए है, अब उनका अपने देश लौटने का रास्ता खुल गया है. साथ ही उनका चुनाव में लड़ने का रास्ता भी खुल गया है. लेकिन मौजूदा राष्ट्रपति यामीन को ये फैसला नागवार गुजर रहा है और उन्होंने फैसला मानने से इंकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी कैद कर लिया है और देश में इमरजेंसी लगा दी है.
यामीन मालदीव को (चीन को) बेचने जा रहे हैं- नशीद
भारत में स्थित सूत्रों की मानें तो मौजूदा मालदीव सरकार (और राष्ट्रपति यामीन) का झुकाव कभी भी भारत की तरफ नहीं रहा है. यामीन का झुकाव चीन की तरफ ज्यादा है. चीन ने हाल ही में बड़ी तादाद में निवेश किया है. खुद नशीद ने आरोप लगाया है कि यामीन मालदीव को (चीन को) बेचने जा रहे हैं. ऐसे में नशीद की भारत से मदद की गुहार को लेकर चीन भी अलर्ट हो गया है और बिना भारत का नाम लिए कहा है कि किसी भी देश को मालदीव के आंतरिक मामले में सैन्य दखल अंदाजी नहीं करनी चाहिए.