Maldives Election Result 2024 : मालदीव में 'इंडिया आउट' वाले मुइज्जू की पार्टी जीती, जानें भारत पर क्या पड़ेगा असर?
Maldives Election Result 2024 : 93 सीटों पर हुए चुनाव में पीएनसी को 66 सीटें मिली हैं. मुइज्जू की यह जीत भारत-मालदीव के रिश्तों को और कमजोर कर सकती है
Maldives Election Result 2024 : 'इंडिया आउट' का नारा देने वाले भारत विरोधी मोहम्मद मुइज्जू की पार्टी ने मालदीव में हुए संसदीय चुनावों में बड़ी जीत हासिल की है. मुइज्जू की पार्टी पीएनसी ने विपक्षी दल एमडीपी को हरा दिया. ऐसा माना जा रहा है कि फिर मालदीव की जनता ने भारत विरोधी मुइज्जू को पसंद किया है. 93 सीटों पर हुए चुनाव में पीएनसी को 66 सीटें मिली हैं. मुइज्जू की यह जीत भारत-मालदीव के रिश्तों को और कमजोर कर सकती है, क्योंकि पिछले साल सत्ता में आने के बाद राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत आउट का नारा दिया था. मालदीव के राष्ट्रपति ने वहां तैनात भारतीय सैनिकों को वापस भेजना शुरू कर दिया था. भारत उम्मीद कर रहा था कि एक बार फिर मालदीव के संसदीय चुनाव में मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी को ही बहुमत मिले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
दरअसल, मालदीव ने चीन के साथ कई समझौते किए हैं. चीन मालदीव पर अपना नियंत्रण बनाना चाहता है, इसलिए मालदीव ने भारत के साथ अपनी निर्भरता को कम करना शुरू कर दिया है. मालदीव ने खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भारत पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए कई कदम भी उठाए . इनमें खाद्य पदार्थों और फार्मास्युटिकल प्रॉडक्ट की आपूर्ति के लिए तुर्की और अन्य देशों के साथ समझौता किया. हालांकि, हाल ही में माले में हुए मेयर चुनाव में मुइज्जू की पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस जीत ने माहौल बदल दिया है.
मुइज्जू की पार्टी जीती, अब क्या होगा ?
चुनाव में राष्ट्रपति मोइज्जू की पार्टी जीती है. अब मालदीव में अगले 5 साल तक चीन समर्थक सरकार रहेगी. अगर विपक्ष कामयाब होता है तो मुइज्जू को संसद में बिल पास कराने और इंडिया आउट पॉलिसी को आगे बढ़ाने में संसद में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
भारत-मालदीव रिलेशन
भारत के लिए मालदीव काफी महत्वपूर्ण है. यह अरब सागर और उससे आगे के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है. इससे भारत को समुद्री यातायात की निगरानी करने और क्षेत्रीय सुरक्षा बढ़ाने की अनुमति मिलती है. जब अंग्रेजों ने 1965 में द्वीपों का कंट्रोल छोड़ दिया था, तब से भारत और मालदीव के बीच संबंध से रहे हैं. 2008 में लोकतांत्रिक परिवर्तन के बाद से भारत ने मालदीव में राजनीतिक, सैन्य, व्यापार और समाज के लोगों के लिए कई समझौते किए थे.
भारत के साथ इसलिए शुरू हुआ विवाद
भारत-मालदीव संबंधों में खटाश आनी तब शुरू हुई, जब मालदीव के राष्ट्रपति ने नवंबर 2023 में पदभार संभाला. मुइज्जू ने कहा था, वो भारतीय सैनिकों को मालदीव से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को पूरा करेंगे. फिर 2024 में 2 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था. उन्होंने समुद्र किनारे कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं. प्रधानमंत्री ने लिखा कि ‘यात्रा करने वालों को लक्षद्वीप जाना चाहिए’. इस पर मालदीव के कई मंत्रियों ने बयानबाजी शुरू कर दी. एक ने कहा था कि भारत के तट मालदीव के समुद्री तटों के सामने कुछ नहीं हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव का नाम भी नहीं लिया था. इसके बाद से सोशल मीडिया पर बायकॉट मालदीव ट्रेंड करने लगा और टूरिज्म भी काफी कम हो गया. अभी हाल ही में न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी से पाकिस्तान, चीन और मालदीव के साथ भारत के संबंधों को लेकर सवाल किया गया था. पीएम ने इसे 'अंदरूनी राजनीति' बताया है.