Maldives Foreign Minister India Visit: मालदीव (Maldives) के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद (Abdulla Shahid) भारत के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा कि भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ और मालदीव की ‘भारत प्रथम’ नीति एक दूसरे के लिए पूरक है.


उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मालदीव के विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद से मुलाकात करके प्रसन्न हूं. संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष के रूप में उनकी उपलब्धियों के लिये बधाई देता हूं"






वहीं, मालदीव में भारत के खिलाफ चलाए जा रहे 'इंडिया आउट' कैंपेन पर अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि यह दुष्प्रचार वे लोग कर रहे हैं जिनके पास करने को कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा, "जो लोग मालदीव में यह मुहिम चला रहे हैं उनके पास कोई राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और विकास का कोई भी एजेंडा नहीं है. यह वही लोग हैं जो मालदीव के लोगों से तरह-तरह का वादा कर रहे हैं लेकिन हम नफरत स्वीकार नहीं करेंगे." 


माना जा रहा है कि इस मुहिम को चीनी समर्थक और मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के समर्थकों द्वारा चलाया जा रहा है. 


आर्थिक संकट के सवाल पर क्या बोले अब्दुल्ला शाहिद?
क्या मालदीव भी श्रीलंका की तरह आर्थिक संकट का सामना करेगा? इस सवाल पर विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि जहां तक आर्थिक संकट की बात है तो कोविड की कठिन परिस्थिति के बावजूद हम कोविड के दौरान भी जी-20 से लिए गये लोन को चुका पाए थे. कई देश इस महामारी से बाहर निकलने में सफल रहे हैं इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि हम भी इसे सर्वाइव कर जाएंगे. 


कोविड महामारी के बाद से ही भारत के पड़ोसी देशों में आर्थिक संकट गहरा गया है. हाल ही में श्रीलंका ने भी महज आर्थिक संकट की वजह से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक अस्थिरता का सामना किया. 


अब्दुल्ला शाहिद (Abdulla Shahid) ने कहा कि जब पूरी दुनिया में कोविड के दौरान अंतरराष्ट्रीय सीमाएं (International Boarders) बंद थी तब भी भारत (India) और मालदीव (Maldives) के बीच ट्रैवेल बबल बना हुआ था. यह दोनों देशों के बीच संबंधों की घनिष्ठता को दर्शाता है.


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