Maldives India Relations : मालदीव से भारत की सेना क्या वापस चली गई, उसका मजाक उड़ने लगा. दरअसल, भारतीय सैनिकों की वापसी के बाद मालदीव ने बयान जारी किया है. मालदीव ने यह बात स्वीकार की है कि उसके सैनिकों के पास भारत की ओर से दिए गए 3 विमानों को उड़ाने की क्षमता नहीं है. उनके पास ऐसा कोई सैनिक नहीं है, जो इन विमानों का संचालन कर सके. रविवार को स्थानीय मीडिया में रक्षा मंत्री घासन मौमून के हवाले से ये खबर भी प्रकाशित की गई थी. 


चीन कर सकता है घुसने की कोशिश
मौमून का कहना है कि मालदीव के सैनिकों ने विमान चलाने की ट्रेनिंग शुरू की थी, लेकिन वो इसे पूरा नहीं कर पाए और अब हालत ये है कि उनका एक भी सैनिक ऐसा नहीं है, जो भारत की तरफ से से दिए गए विमानों का संचालन कर सके. इस खबर के बाद से मालदीव का मजाक उड़ रहा हे, लेकिन यह भारत के लिए खतरा भी बन सकता है, क्योंकि इस समय मालदीव और चीन के रिश्ते काफी मजबूत हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद मोहम्मद मुइज्जू ने चीनी कंपनियों को कई बड़े टेंडर भी दिए हैं. चीन का जासूसी जहाज भी मालदीव में घुसने की बार-बार कोशिश कर रहा है. अगर मालदीव को फिलहाल भारतीय जहाजों को उड़ाने के लिए सैनिक नहीं मिलते हैं तो हो सकता है चीन अपनी सेना भेज दे. 


ऐसा हुआ तो भारत के लिए खतरा
कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि चीन भी इसी कयास में है कि वह मालदीव में अपनी सेना भेजे, लेकिन अभी तक दोनों देशों की तरफ से ऐसी कोई खबर नहीं आई है. दरअसल, मालदीव में भारतीय सैनिकों के रहने का प्रमुख कारण वहां की सेना को विमान चलाने की ट्रेनिंग देना था. भारत ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और अब्दुल्ला यामीन की सरकार के दौरान HAL के 2 हेलिकॉप्टर मालदीव को दिए थे. वहीं, डोर्नियर विमान पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह की सरकार में भारत की तरफ से मालदीव को मिला था. मालदीव सरकार का कहना था कि देश में 89 भारतीय सैनिक मौजूद थे. 10 मई को विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की थी कि मालदीव से भारतीय सैनिक वापस आ गए हैं और उनकी जगह टेक्निकल एक्सपर्ट्स की नियुक्ति हो गई है. चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू ने सत्ता में आने के तुरंत बाद ही भारत से कहा था कि वो अपनी सेना को वापस बुला ले. नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान मुइज्जू ने लोगों से वादा किया था कि वो द्वीप देश से भारतीय सैनिकों को भेजकर ही दम लेंगे और उन्होंने ऐसा ही किया.