India-Maldives Relations: भारत और उसके छोटे से पड़ोसी देश मालदीव के रिश्ते फिर से पटरी पर लौटते हुए नजर आ रहे हैं. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन परस्ती के बाद भी भारत के साथ रिश्ते नहीं बिगाड़ना चाहते हैं. यही वजह है कि उन्होंने अब मालदीव-भारत नीति में बदलाव किया है. मालदीव की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने मुइज्जू के नेतृत्व वाली सरकार के जरिए नीति में किए गए बदलाव का स्वागत किया है. इसने भारत से मिलने वाली मदद की भी बात की है.
दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव की तीन दिवसीय यात्रा की है. मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के लगभग नौ महीने बाद भारत की ओर से किसी बड़े अधिकारी-नेता की ये पहली यात्रा है. जयशंकर ने इस दौरे के जरिए मालदीव के साथ खराब हुए रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया है. अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री ने एमडीपी अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद से मुलाकात की. शाहिद ने मुलाकात के बाद ही भारत की तारीफ की है.
जयशंकर का स्वागत करके मुझे खुशी हुई: अब्दुल्ला शाहिद
अब्दुल्ला शाहिद मालदीव के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह मालदीव सरकार की भारत को लेकर बदली गई नीति का स्वागत करते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि मालदीव को भारत से हमेशा मदद मिलने का आश्वासन भी है. अब्दुल्ला शाहिद ने कहा, "भारत के विदेश मंत्री जयशंकर का मालदीव में एमडीपी सचिवालय के अपने सहयोगियों के साथ स्वागत करने और मुलाकात करके मुझे बेहद खुशी हुई." उन्होंने इसकी तस्वीरें भी शेयर की हैं.
मालदीव की परेशानी में मदद करने वाला पहला देश होगा भारत: अबदुल्ला शाहिद
मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री ने आगे कहा, "मालदीव इस बात को लेकर हमेशा आश्वस्त रहा है कि वह जब भी 'इंटरनेशनल 911 डायल करेगा' तो सबसे पहले मदद करने वाला देश भारत ही होगा." उन्होंने कहा, "मौजूदा सरकार की ओर से भारत के खिलाफ आक्रामक नारेबाजी, मजाक उड़ाने और भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने की वजह से मालदीव की अंतरराष्ट्रीय छवि को काफी नुकसान पहुंचा."
अब्दुल्ला ने पोस्ट में कहा, "साथ ही मालदीव को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा और कई अन्य गैर-जरूरी परेशानियां और चुनौतियों का सामना करना पड़ा. ऐसे में अब जब राष्ट्रपति मुइज्जू सरकार की मालदीव-भारत नीति में अचानक बदलाव आया है तो एमडीपी इसका स्वागत करती है. एमडीपी को उम्मीद है कि यह बदलाव अस्थायी या सतही नहीं होगा, बल्कि मालदीव के लोगों के सर्वोत्तम हित में सुसंगत और सार्थक होगा."
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