Abdulla Yameen: भारत के विरोधी और चीन के समर्थक माने जाने वाले मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को 11 साल की सजा सुनाई गई है. मालदीव की एक कोर्ट ने अब्दुल्ला यामीन को यह सजा धन शोधन और भ्रष्टाचार का दोषी ठहराने पर सुनाई. इसके साथ ही कोर्ट ने यामीन पर 50 लाख डॉलर का जुर्माना भी लगाया. 


दरअसल, कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को मालदीव सरकार के स्वामित्व वाले एक द्वीप को पट्टे पर देने के बदले में रिश्वत लेने का दोषी पाया. इसको देखते हुए कोर्ट ने यामीन को धन शोधन के लिए सात साल और रिश्वत लेने के लिए चार साल की सजा सुनाई. यामीन मालदीव के 2013 से 2018 तक राष्ट्रपति थे.  


2019 में भी कोर्ट ने धन शोधन का दोषा पाया
अब्दुल्ला यामीन को इससे पहले साल 2019 में भी कोर्ट ने धन शोधन के मामले में दोषी पाया था. इस केस में उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन दो साल के बाद वहां की सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए निचली आदालत के फैसले को पलट दिया था कि सबूतों में विसंगतियां थीं. इसमें कहा गया था कि यह निर्णायक रूप से साबित नहीं हुआ कि यामीन ने व्यक्तिगत फायदे के लिए सरकारी धन 10 लाख डॉलर का धन शोधन किया.  


भारत-मालदीव के बीच रिश्ते हमेशा से मधुर
बता दें कि मलदीव में अब्दुल्ला यामीन की छवि भारत विरोधी नेता की है. इसी कड़ी में यामीन ने इसी साल मार्च में भारत के विरोध में प्रदर्शन किया था. यामीन भले ही भारत के विरोध में आग उगलते रहे हों, लेकिन भारत-मालदीव के बीच में रिश्त हमेशा से मधुर और घनिष्ट रहे हैं. यामीन ने भारत और मालदीव के रक्षा समझौते को खत्म करवाना चाहते थे.  


मालदीव में अब्दुल्ला यामीन का भारत के खिलाफ विरोध अभी तक जारी है, उनका कहना है कि भारत को पूरी तरह से मालदीव से निकलना चाहिए. यामीन की पार्टी के लोग राजधानी माले में भारतीय उच्चायोग पर हमला कर चुके हैं.


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