Maldives President Mohamed Muizzu: मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू आज यानी शुक्रवार (17 अक्टूबर) को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. इस शपथ ग्रहण में भारत की ओर से पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू पहुंच चुके हैं. उनका दौरा दो दिनों का होगा. मालदीव के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भारतीय पीएम का ना होना इस बात के संकेत है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते पहले की तरह सामान्य नहीं हैं.
मालदीव और भारत के रिश्ते में आई नई गिरावट मोहम्मद मुइज्जू के 'इंडिया आउट' के नारे के बाद आई है. ये नारा उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के तुरंत बाद दिया था.
क्या है 'इंडिया आउट' का नारा?
मालदीव कई छोटे-छोटे द्वीपों से मिलकर बना एक देश है. यहां भारतीय सेना के लगभग 75 सैनिक रहते हैं. ये सैनिक बिना हथियार के हैं, इनका काम होता है समंदर की निगरानी करना और भारत और मालदीव के लिहाज से खतरों को भांपना और उसे लेकर तैयारी करना.
मालदीव में बड़ी संख्या में लोग इन सैनिकों को लेकर सहज नहीं हैं. उनका मानना है कि उनके देश में किसी दूसरे देश के सैनिक की उपस्थति उनकी संप्रभुता पर खतरा है. इस माहौल को देखते हुए मोहम्मद मुइज्जू ने जनता को वादा किया था कि वह चुनाव जीतने के बाद भारतीय सैनिकों को वापस भेज देंगे, इस 'अभियान' को उन्होंने 'इंडिया आउट' का नारा दिया है.
क्यों तैनात हैं मालदीव में भारतीय सैनिक?
मालदीव को समय-समय पर भारतीय सैनिकों की दरकार पड़ती रही है. मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स के मुताबिक, मालदीव में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी की वजह दो हेलीकॉप्टर और डोरनियर एयक्राफ्ट हैं. भारत ने साल 2010 और 2013 में मालदीव में दो हेलीकॉप्टर और डोरनियर उपहार के तौर पर भेजा था, इसके साथ ही हवाई जहाजों के रखरखाव के लिए टेक्निशियन्स भेजे थे.
भारत ने मालदीव को हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट इसलिए भेजे थे ताकि वह इसका इस्तेमाल चिकित्सा और सर्च ऑपरेशन के लिए कर सके.
मालदीव में भारतीय सैनिकों की जगह लेंगे चीनी सैनिक?
भारतीय सैनिकों को हटाए जाने की खबर के बाद ये सवाल उठने लगे कि क्या मालदीव भारत की जगह अपने देश में चीनी सैनिकों की तैनाती चाहता है? इस आशंका को मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने खारिज कर दिया है. समाचार एजेंसी एसोसिएट को दिए एक साक्षातकार में मुइज्जू ने कहा, "हम भारतीय सैनिकों की जगह चीनी सैनिकों को देश में तैनात नहीं करेंगे, ऐसा कर के हम क्षेत्रीय संतुलन नहीं बिगाड़ना चाहते हैं."
उन्होंने कहा, "मालदीव किसी भी देश के जमीनी लड़ाई के बीच आना नहीं चाहता है, हम इसके काफी छोटे देश हैं. मैं मालदीव की विदेश नीति के बदलाव के पक्ष में नहीं हूं." नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा, "मैं चीन या भारत समर्थक नहीं हूं, मैं मालदीव समर्थक हूं. हम चीन, भारत समेत बाकी पड़ोसियों के साथ मिलकर काम करेंगे. मालदीव के लोगों ने मुझे इसलिए चुनकर नहीं भेजा कि मैं भारतीय सैनिकों को अपनी जमीन पर रहने दूं. हम बस अपने हितों की रक्षा कर रहे हैं और सभी से अच्छे संबंध चाहते हैं."