Maldives UPI: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए रविवार (20 अक्टूबर) को भारत के Unified Payment Interface (UPI) को लागू करने का फैसला है. यह फैसला कैबिनेट की सिफारिश के बाद लिया गया है. इसकी मदद से आर्थिक स्थिति में सुधार करने हेतु डिजिटल स्ट्रक्चर को एडवांस करने की कोशिश की जाएगी. राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि कैबिनेट ने इस फैसले पर पहुंचने से पहले आर्थिक विकास और व्यापार मंत्री के एक प्रस्ताव की गहन समीक्षा की. 


UPI को देशभर में सुचारू रूप से चालू करने और सुविधाजनक बनाने के लिए मुइज़ू सरकार एक संघ की स्थापना करेगी, जिसमें देश में कार्यरत बैंक, दूरसंचार कंपनियां और देश में काम करने वाली फिनटेक कंपनियां शामिल होंगी. इसके लिए ट्रेडनेट मालदीव कॉर्पोरेशन लिमिटेड को कंसोर्टियम के लिए अग्रणी एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है.


विदेश मंत्री एस जयशंकर के दौरे पर समझौता
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अगस्त के महीने में मालदीव का दौरा किया था. तब उन्होंने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस से जुड़े समझौते पर साइन किया था, जिसके तहत ये फैसला लिया गया कि आने वाले समय में मालदीव के लोग भी भारत की तरह भी यूपीआई के जरिए पैसों को लेनदेन करन में सक्षम हो जाएंगे.


डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा
भारत देश में विकसित डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भी बढ़ावा दे रहा है, जिसमें दुनिया भर में UPI, आधार, मॉड्यूलर ओपन सोर्स आइडेंटिटी प्लेटफॉर्म (MOSIP) और डिजीलॉकर की डिजिटल पेशकश शामिल है. विदेश मंत्रालय (MED) के अनुसार, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के लिए भारत के प्रयास का उद्देश्य दुनिया के अन्य देशों में डिजिटल परिवर्तन को आगे बढ़ाना और इंडिया स्टैक जैसी इकोसिस्टम-सेंटर का डिजिटल पहल में सहयोग बढ़ाना है. इससे संबंधित घोषणा मुइज़ू की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के एक महीने से भी कम समय बाद हुई.


UPI समेत अन्य डिजिटल चीजों के लिए सहमति
मुइज़ू की आधिकारिक यात्रा के दौरान दोनों पक्ष डिजिटल और वित्तीय सेवाओं के इस्तेमाल पर UPI समेत अन्य डिजिटल चीजों के लॉन्च के माध्यम से डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के क्षेत्र में सहयोग करने पर सहमत हुए थे. वहीं इस महीने की शुरुआत में मालदीव के राष्ट्रपति ने द्विपक्षीय मुद्रा विनिमय समझौते के रूप में 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर और 30 बिलियन रुपये मदद मिलने पर भारत सरकार के फैसले की सराहना किया था.