Maldives-China Relations: इंडिया से तल्खी के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. उन्होंने अब चीन के साथ अपने मुल्क के रणनीतिक संबंधों की तारीफ की है. मुइज्जू ने कहा है कि दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं. बीजिंग (चीन की राजधानी) मालदीव की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है. 


चीन के सरकारी न्यूज चैनल सीजीटीएन को दिए एक इंटरव्यू में मुइज्जू ने कहा कि चीन ऐसा देश नहीं है, जो मालदीव के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करेगा. यही कारण है कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं.


चीन के BRI योजना की तारीफ की
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आमंत्रण पर 5 दिनों के लिए चीन की राजकीय यात्रा पर गए थे. इस दौरान चीन समर्थक  मुइज्जू ने मालदीव को बीजिंग के करीब लाने की कोशिश की. दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने की घोषणा की. चीन से वापस लौटने के बाद उन्होंने कहा कि चीन की ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर पर ले गई है.


भारत से सैनिकों को वापस बुलाने को कहा
मुइज्जू ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग नागरिकों के हितों को सबसे अधिक तरजीह देते हैं. उनके नेतृत्व में चीन की अर्थव्यवस्था नई बुलंदियों पर पहुंच गई. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति शी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि चीन की सरकार लक्ष्य हासिल करने में मालदीव की मदद करेगी.


इसी बीच मुइज्जू ने भारत से कहा है कि वह मालदीव में तैनात अपने सैनिकों को 15 मार्च तक वापस बुलाए. उनकी यह टिप्पणी मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर मालदीव और भारत के बीच उपजे विवाद के बीच आई है.


राष्ट्रपति मुइज्जू का भारत पर निशाना
मालदीव में 88 भारतीय सैन्यकर्मी हैं जो दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान के संचालन में सहयोग प्रदान कर रहे हैं. पिछले साल 17 नवंबर को मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद मुइज्जू ने औपचारिक रूप से भारत से भारतीय सैन्य कर्मियों को मालदीव से वापस बुलाने का अनुरोध किया था.


चीन से लौटने के बाद शनिवार को प्रेस से बातचीत में राष्ट्रपति मुइज्जू ने परोक्ष रूप से भारत पर हमला बोला था. उन्होंने किसी देश का नाम लिए बिना कहा, ‘‘भले हम छोटे (देश) हों, लेकिन इससे आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता.’’


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