Maldives President Mohamed Muizzu’s in India: हाल के महीनों में भारत-मालदीव संबंधों में नाटकीय सुधार के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू रविवार को भारत पहुंचे. यहा उनकी ओर से भारत की पहली राजकीय यात्रा है. यात्रा के पहले दिन उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की.


मुइज्जू ने भारत के साथ मालवीद के संबंधों को लेकर भी कई बातें कहीं. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि मालदीव कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा को किसी तरह का कोई नुकसान पहुंचे.


चीन के साथ बढ़ते रिश्तों पर किया स्पष्ट


रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पड़ोसी देश के चीन के साथ बढ़ते संबंधों को लेकर चिंताओं के बीच मुइज़ू ने कहा कि मालदीव विभिन्न क्षेत्रों में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि उसके कार्यों से क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता से समझौता न हो. मुइज्जू ने कहा कि भारत मालदीव का एक मूल्यवान साझेदार और मित्र है और यह रिश्ता आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित है. उन्होंने यह भी कहा कि मालदीव भारत के साथ मजबूत और रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाना जारी रखेगा और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेगा.


भारत और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग की कही बात


इस इंटरव्यू में राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि मालदीव फर्स्ट की नीति का पालन करते हुए उनका देश भारत के साथ अपने दीर्घकालिक और भरोसेमंद संबंधों को प्राथमिकता देना जारी रखेगा. हमें विश्वास है कि अन्य देशों के साथ हमारे संबंध भारत के सुरक्षा हितों को कमजोर नहीं करेंगे. मालदीव भारत के साथ मजबूत और रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाना जारी रखेगा. राष्ट्रपति ने कहा कि मालदीव और भारत अब एक-दूसरे की चिंताओं को बेहतर ढंग से समझते हैं और उनके बीच रक्षा सहयोग हमेशा प्राथमिकता रहेगा.


भारतीय सेना के निष्कासन पर क्या बोले मुइज्जू


मालदीव से भारतीय सेना के निष्कासन पर पूछे गए सवाल पर मुइज्जू ने निष्कासन को उचित ठहराया. उन्होंने कहा कि यह स्थानीय लोगों की इच्छा को दर्शाता है. मुइज्जू ने कहा कि भारत हमारे सबसे बड़े विकास भागीदारों में से एक है और रक्षा सहयोग हमेशा प्राथमिकता रहेगी. इन वैश्विक रूप से चुनौतीपूर्ण समय में क्षेत्रीय युद्धों के साथ सभी देशों की सुरक्षा को खतरा है, इन सहयोगों को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा और मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मालदीव और भारत अब एक दूसरे की प्राथमिकताओं और चिंताओं को बेहतर ढंग से समझते हैं. मैंने भारतीय सैनिकों के निष्कासन को लेकर वही किया था जो मालदीव के लोगों ने मुझसे कहा था.


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