Maldives: मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि मालदीव अपने तटों से भारतीय सैन्य कर्मियों को जितनी जल्दी हो सके वापस भेजने के लिए काम करेगा. गौरतलब है कि मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह को हराने वाले मुइज्जू 17 नवंबर को पदभार ग्रहण करेंगे.


समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार मुइज्जू ने जोर देकर कहा कि यह देश की विदेश नीति के लिए जरूरी है. मालदीव के तटों से भारतीय सेना की वापसी उनके चुनाव अभियान की मुख्य नीति थी. उन्होंने कहा, "मैं मालदीव से सैन्य कर्मियों को जल्द से जल्द वापस भेजने के लिए काम कर रहा हूं और इसके लिए मैं भारत के साथ स्पष्ट और विस्तृत राजनयिक परामर्श करूंगा."


भारत सरकार से करेंगे चर्चा
उन्होंने कहा कि यहां उनका फोकस सैन्य कर्मियों की वास्तविक संख्या पर नहीं है, बल्कि इस पर है कि मालदीव में कोई भी भारतीय सैनिक न रहे. हम इसको लेकर भारत सरकार से भी चर्चा करेंगे और इसके लिए आगे का रास्ता निकालेंगे.


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले मोहम्मद मुइज्जू ने कहा था कि वह मालदीव में तैनात भारतीय सैन्य कर्मियों को हटाने के अपने अभियान के वादे पर कायम रहेंगे. उन्होंने कहा था, ''लोगों ने हमें बताया है कि वे यहां विदेशी सेना नहीं चाहते.''


'भारतीय सैनिकों की जगह नहीं लेंगे दूसरे देश के सैनिक'
मुइज्जू ने ब्लूमबर्ग से कहा, ''हम सभी देशों से सहायता, सहयोग चाहते हैं. हम ऐसे द्विपक्षीय संबंध चाहते हैं, जो पारस्परिक रूप से लाभकारी हो.'' इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि मालदीव में भारतीय सैनिकों की जगह दूसरे देशों के सैनिक नहीं लेंगे.


मुइज्जू को माना जाता है चीन समर्थक
उल्लेखनीय है कि मोहम्मद मुइज्जू को व्यापक रूप से चीन का समर्थक माना जाता है. चुनाव में उनकी जीत के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि चीन मालदीव के लोगों की पसंद का सम्मान करता है और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को बधाई देता है.


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