जिसने शेख हसीना के खिलाफ दर्ज कराया हत्या का केस उसे किसने दे दी जान से मारने की धमकी, जानिए
Bangladesh Violence: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी कैबिनेट में मंत्री रहे दो वरिष्ठ मंत्रियों और एक बर्खास्त पुलिस प्रमुख समेत छह अन्य के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा चलेगा.
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Bangladesh Violence: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी कैबिनेट में मंत्री रहे दो वरिष्ठ मंत्रियों और एक बर्खास्त पुलिस प्रमुख समेत छह अन्य के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा चलेगा. अदालत के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
नौकरी में आरक्षण की विवादास्पद व्यवस्था को लेकर अवामी लीग नीत सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद पांच अगस्त को इस्तीफा देकर भारत चली गयीं हसीना (76) के खिलाफ दर्ज किया गया यह पहला मामला है. हसीना और छह अन्य के खिलाफ यह मामला पिछले महीने हुई हिंसक झड़पों के दौरान किराने की एक दुकान के मालिक की मौत को लेकर दर्ज किया गया है.
इन अवामी लीग के नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज
अदालत के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ढाका के मोहम्मदपुर क्षेत्र के एक निवासी द्वारा दायर मामले के आधार पर मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राजेश चौधरी ने पुलिस को इसे प्राथमिकी के रूप में दर्ज करने को कहा है.’’ उन्होंने कहा कि मामले में छह अन्य आरोपियों - अवामी लीग के महासचिव और पूर्व सड़क परिवहन मंत्री ओबैदुल कादिर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान, बर्खास्त पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) अब्दुल्ला अल मामून, ढाका के पुलिस आयुक्त हबीबुर रहमान, अतिरिक्त आईजीपी हारुन-उर-रशीद और अतिरिक्त संयुक्त आयुक्त बिप्लब कुमार - के नाम शामिल हैं.
किराने की दुकान के मालिक के शुभचिंतक ने दर्ज कराया केस
यह मामला किराने की दुकान के मालिक अबू सईद के एक शुभचिंतक ने दर्ज कराया है. अबू सईद की 19 जुलाई को निकाले गए जुलूस के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मौत हो गई थी. इस बीच, ‘ढाका ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के अनुसार, हसीना और छह अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराने वाले आमिर हमजा शातिल को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है. खबर में कहा गया है कि मामला दर्ज कराने के कुछ ही समय बाद मंगलवार को दोपहर करीब ढाई बजे फ्रांस से शातिल को फोन आया और परिणाम भुगतने की धमकी दी गई.
5 अगस्त को गायब हो गए थे अवामी लीग के 2 मंत्री
हसीना जहां भारत चली गईं, वहीं दोनों मंत्री पांच अगस्त को उनके इस्तीफे से कुछ घंटे पहले गुप्त रूप से देश छोड़कर चले गए, जबकि पुलिस अधिकारियों के ठिकाने के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. अदालत के अधिकारियों के अनुसार, मजिस्ट्रेट ने मोहम्मदपुर पुलिस थाने को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. नाम न बताने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि मामले की जांच किस एजेंसी को सौंपी जाएगी.
हिंसा में मरने वालों की कुल संख्या 560 हो गई
बांग्लादेश में पांच अगस्त को शेख हसीना नीत सरकार के गिरने के बाद देशभर में भड़की हिंसा की घटनाओं में 230 से अधिक लोग मारे गए है. जुलाई के मध्य में पहली बार कोटा विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बाद से हिंसा में मरने वालों की कुल संख्या 560 हो गई है.
मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया
हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया है और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को इसका अंतरिम प्रमुख बनाया गया है. यूनुस ने पिछले सप्ताह अपने 16-सदस्यीय सलाहकार परिषद के विभागों की घोषणा की. समाचार पत्र ‘डेली स्टार’ की खबर के अनुसार, सोमवार को अवामी लीग की चिर प्रतिद्वंद्वी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) सहित सात राजनीतिक दलों ने यूनुस से अलग-अलग मुलाकात की और कहा कि अंतरिम सरकार स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए अनुकूल माहौल बनाने की खातिर आवश्यक समय ले सकती है.
बांग्लादेश में चुनाव कराने के लिए अंतरिम सरकार को दिया समय- आलमगीर
खबर में बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर के हवाले से कहा गया है, ‘‘हमने इस अंतरिम सरकार को चुनाव कराने के वास्ते उचित माहौल बनाने के लिए जरूरी समय दिया है.’’ आलमगीर ने कहा कि उन्होंने चुनाव के संबंध में कोई चर्चा नहीं की और बीएनपी ने अगला चुनाव कराने के लिए किसी खास समय सीमा का उल्लेख नहीं किया है. उन्होंने कहा कि बीएनपी अंतरिम सरकार की सभी गतिविधियों को अपना पूरा समर्थन दे रही है.
खालिदा जिया और उनके नेताओं पर से केस लिए जाएं वापस- BNP
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी ने यूनुस से आग्रह किया कि पार्टी अध्यक्ष खालिदा जिया और कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान सहित उसके नेताओं के खिलाफ सभी मामले वापस ले लिए जाएं. हसीना के अपदस्थ होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (79) को जेल से रिहा कर दिया गया था. उन्हें 2018 में भ्रष्टाचार के लिए 17 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.
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