भारत के विरोध से दबाव में पाकिस्तान, ननकाना साहिब में सिखों को धमकाने वाले शख्स ने मांगी माफी
इमरान सरकार भले ही मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही हो लेकिन माफीनामे से ये साफ हो गया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होते हैं. माफी का ड्रामा इमरान खान की डैमेज कंट्रोल की एक कोशिश भर है.
नई दिल्ली: पाकिस्तान में ननकाना साहिब पर हमले को लेकर भारत के विरोध से पाकिस्तान दबाव में झुक गया है. जिस शख्स ने ननकाना साहिब में सिखों को धमकाने का वीडियो जारी किया था अब वो शख्स माफी मांग रहा है. मोहम्मद हसन नाम के इस शख्स की माफी का वीडियो भी जारी किया गया है. बता दें कि शुक्रवार को इसी शख्स ने ननकाना साहिब का नाम बदलने की धमकी दी थी.
माफी मांगने वाले वीडियो में मोहम्मद हसन कह रहा है, ''दोस्तों जैसे कि आपने कल का वीडियो देखा. मैं जज्बात में काफी सारी बातें कर गया. जिसमें सिखों के बारे में की, गुरूद्वारे के बारे में की. हमारा इरादा ना था. ना किया है कि हम गुरूद्वरे का घेराव करेंगे..ना पत्थरबाजी करेंगे. ना हमने किया है और ना ही करेंगे. मैं जज्बात में काफी सारी बातें कर गया सिखों के बारे में.''
सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वाला ये शख्स अब भाईचारे की बात कर रहा है. मोहम्मद हसन ने वीडियो में कहा, ''अगर किसी का भी दिल दुखा हो चाहे हो जहां भी रहता हो...मैं बताना चाहता हूं कि हम भाई थे...भाई हैं और भाई रहेंगे. जैसे हम पहले इनकी इज्जत करते थे वैसे ही करेंगे. जैसे पहले हम इनके इबादतखाने की इज्जत करते थे वैसे ही करेंगे. अगर किसी को मेरे बयान से किसी का दिल दुखा हो तो मैं मांफी मांगता हूं.''
आखिर कौन है मोहम्मद हसन? भीड़ को उकसाने के बाद माफीनामा जारी करने वाला मोहम्मद हसन वही शख्स है, जिस पर पहले गुरुद्वारे के ग्रंथी की बेटी के अपहरण का आरोप लगा था. आरोप है कि उसने गुरुद्वारे की ग्रंथी की बेटी जगजीत कौर को जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर उसका निकाह करवा दिया. जब सिख समुदाय ने इसका विरोध किया तो अगवा करने वालों ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमला बोल दिया.
माफीनामे से उठे इमरान खान सरकार पर सवाल इसकी माफी से अब सवाल पाकिस्तान की इमरान खान सरकार पर उठने लगा है. ननकाना साहिब में बवाल के बाद भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज करायी थी. इसका नतीजा ये हुआ कि पाकिस्तान सरकार ने फौरन सफाई दी कि ननकाना साहिब में चाय की दुकान पर मामूली विवाद में झगड़ा हुआ था ना कि गुरुद्वारे पर हमला. इमरान सरकार भले ही मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही हो लेकिन माफीनामे से ये साफ हो गया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होते हैं. माफी का ड्रामा इमरान खान की डैमेज कंट्रोल की एक कोशिश भर है.