अमेरिका: पांच घंटे तक फेसबुक के मालिक से चली पूछताछ की नौ बड़ी बातें
ज़करबर्ग के जवाबों में अमेरिकी शेयर बाज़ार ने भरोसा जताया. पिछले कई हफ्तों से लगातार गिर रहे फेसबुक शेयर्स में इस सवाल जवाब के बाद 4.5% का उछाल देखने को मिला.
वाशिंगटन: फेसबुक के मालिक मार्क ज़करबर्ग केम्ब्रिज एनालिटिका मामले में यूएस कांग्रेस के सामने पेश हुए. उन्होंने एक बार फिर से डेटा लीक मामले में माफी मांगी और कहा, "ये मेरी ग़लती थी और मैं माफी के साथ इसे स्वीकार करता हूं." इस दौरान उन्होंने 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में रूसी हस्तक्षेप पर बोलते हुए कहा कि रूस के साथ अब ऑनलाइन प्रोपेगेंडा का मामला 'हथियारों की दौड़' के जैसा हो गया है और दुनियाभर में चुनावों में होने वाली दखलअंदाजी को रोकना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी. सुनवाई के दौरान 44 सीनेटरों ने उनसे सवाल जवाब किए. इस दौरान करीब 200 अन्य लोग भी मौजूद थे.
फेसबुक के 33 साल के इस अरबपति मालिक से यूएस कांग्रेस के सदस्यों ने पांच घंटे तक पूछताछ की. आपको बता दें कि फेसबुक ने क्रेम्ब्रिज एनालिटिका हैकिंग मामले में ये बात स्वीकार की है कि 87 मिलियन फेसबुक यूज़र्स के डेटा की चोरी हुई है. आपको ये भी बता दें कि आम तौर पर टी-शर्ट और जींस में नज़र आने वाले ज़करबर्ग ने इस दौरान सूट पहन रखा था. वहीं सुनवाई की शुरुआत में वो नर्वस नज़र आए लेकिन जैसे-जैसे सुनवाई आगे बढ़ी उनका आत्मविश्वास बढ़ता चला गया.
ज़करबर्ग से हुई पूछताछ की बड़ी बातें
- मेक्सिको के एक सेनेटर के एक सवाल के जवाब में ज़करबर्ग ने कहा कि उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता ये है कि वो साल 2018 में दुनियाभर में होने वाले चुनावों को प्रभावित होने से रोक सकें.
- जकरबर्ग ने भारत में अगले साल होने वाले आम चुनाव के बारे में कहा कि हम पूरी कोशिश करेंगे कि भारत में होने वाले आगामी चुनाव में पूरी ईमानदारी बरतें.
- जब ज़करबर्ग से पूछा गया कि क्या वो भविष्य में चुनावों को प्रभावित होने से पूरी तरह से रोक पाएंगे. इसके जवाब में उन्होंने कहा, "नहीं, मैं इसकी गारंटी नहीं दे सकता क्योंकि ये हथियारों की उस दौड़ की तरह है जो जारी है." उन्होंने आगे कहा कि जब तक रूस में ऐसे लोग बैठे हैं जिनका काम दुनियाभर के चुनावों को प्रभावित करना है, ये संघर्ष जारी रहेगा.
- उन्होंने ये भी कहा कि फेसबुक को एक कंपनी के तौर पर चलाने के दौरान उन्हें जिस बात पर सबसे ज़्यादा खेद है वो ये है कि उन्होंने चुनाव के दौरान रूसी ट्रोल्स के मामले में एक्शन लेने में देरी कर दी.
- इस सुनवाई के दौरान सेनेटर बिल नेलसन भड़क गए और कहा, "अगर फेसबुक और बाकी की सोशल मीडिया कंपनियां चीज़ें ठीक नहीं करती तो हमारे पास किसी तरह की प्राइवेसी नहीं रह जाएगी. अगर फेसबुक और बाकी की कंपनिया निजता में घुसपैठ के मामले को ठीक नहीं करतीं तो हम, कांग्रेस वाले इसे ठीक कर देंगे."
- एक और सेनेटर ने कहा कि फेसबुक का पूरा मॉडल इस बात पर आधारित है कि यूज़र को उसके निजी डेटा के बदले फ्री सर्विस दी जाएगी. ऐसी डील की स्थिति में दोनों पार्टियों के लिए ये समझना ज़रूरी है कि किस चीज़ के बदले क्या दिया जा रहा है. उन्होंने कहा, "मुझे पूरा यकीन है कि फेसबुक इस्तेमाल कर रहे लोगों को इसके इस्तेमाल से जुड़े फैसले लेने के लिए जो जानकारी होनी चाहिए, वो जानकारी उनके पास नहीं है."
- सवाल-जवाब के दौरान ही उन्होंने कहा कि फेसबुक हर उस ऐप की पूरी तरह से जांच कर रहा है जिनके पास इसके यूज़र्स का डेटा है. इन ऐप्स की संख्या लाखों में है. उन्होंने कहा, "अगर जांच में किसी ऐप के खिलाफ ज़रा भी गड़बड़ी पाई जाती है तो हम उसे बैन कर देंगे."
- पूछताछ के दौरान पहले तो ज़करबर्ग ने कहा कि 2015 तक केम्ब्रिज एनालिटिका फेसबुक के माध्यम से प्रचार नहीं करता था, बाद में उनके कंपनी के लोगों ने उन्हें बताया कि 2015 में केम्ब्रिज एनालिटिका फेसबुक के माध्यम से प्रचार कर रहा था. इस जानकारी के मिलने के बाद ज़करबर्ग ने अपने बयान में सुधार करते हुए कहा कि नियमों के तहत इसे बैन किया जा सकता था.
- सुनवाई के दौरान एक मोड़ पर सेनेटर जॉन केनेडी भड़क उठे और कहा कि फेसबुक का यूज़र एग्रीमेंट वाहियात है. इसके बाद उन्होंने ज़करबर्ग की प्राइवेसी से जुड़ा एक सवाल किया कि बीती रात वो जिस होटल में ठहरे थे क्या उसका नाम वो सबके साथ शेयर करना चाहेंगे? इसके जवाब में ज़करबर्ग ने कहा, "नहीं." इसके बाद रूम में मौजूद लोग ठहाके लगाने लगे.
आपको बता दें कि ज़करबर्ग के जवाबों में अमेरिकी शेयर बाज़ार ने भरोसा जताया. पिछले कई हफ्तों से लगातार गिर रहे फेसबुक शेयर्स में इन सवालों के जवाब के बाद 4.5% का उछाल देखने को मिला. आपको बता दें कि मामले में ज़करबर्ग को आज यूएस हाउस एनर्जी और कॉमर्स कमिटी के सामने ऐसे ही सवालों का सामना करना पड़ेगा.