India-Pakistan Friendship: पाकिस्तान ने की दोस्ती की पहल, मरियम ने कहा- 'पड़ोसियों से मत लड़ो, दोस्ती के दरवाजे खोलो'
India-Pakistan Friendship: सीमापार से एक बार फिर दोस्ती की पहल की गई है, पंजाब की मुख्यमंत्री और नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने संबंधों में सुधार के लिए एक मजबूत वकालत की.
India-Pakistan Friendship: पाकिस्तान के शरीफ परिवार की उत्तराधिकारी कही जाने वाली मरियम नवाज ने करतारपुर साहिब में करीब 3 हजार भारतीय सिक्ख तीर्थयात्रियों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अपने पिता नवाज शरीफ को कोट करते हुए कहा- 'अपने पड़ोसियों से मत लड़ो, दोस्ती के लिए दिल के दरवाजे खोलो' इस दौरान उन्होंने खुद को एक सच्ची पंजाबी लड़की बताया.
करतारपुर साहिब में पंजाबी और उर्दू में लगभग 10 मिनट के भाषण में मरियम नवाज ने भारत के साथ जुड़ी अपनी जड़ों की चर्चा की. उन्होंने तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर साहिब के आसपास के क्षेत्र को विकसित करने की योजना के बारे में भी बात की और दुनिया भर के सिक्खों से निवेश का आह्वान किया. नई दिल्ली उनके इस भाषण को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देख रही है.
नवाज शरीफ का भारत में है घर
मरियम के भाषण में एक बात जरूर देखने में आई कि उन्होंने अपने पिता नवाज शरीफ का कई बार जिक्र किया, लेकिन उन्होंने अपने चाचा और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का जिक्र नहीं किया. उन्होंने अपने दादा जी को याद करते हुए बताया कि 'उनके दादा भारत के अमृतसर के रहने वाले थे. वह जट्टी उमरा से पाकिस्तान के लाहौर चले गए थे. मरियम ने बताया कि आज भी उनका घर भारत में संरक्षित है. एक बार कोई भारत से जट्टी उमरा की मिट्टी लेकर आया, जिसको उन्होंने अपने दादा की कब्र पर रख दिया.'
भारत से पाकिस्तान गए थे मरियम के दादा
मरियम ने बताया कि 'जब मैं मुख्यमंत्री बनी तो मुझे भारत और पंजाब से भी बधाई संदेश मिले. मुझे लगा कि हमारे बीच कोई सीमा नहीं है' मरियम ने कहा कि पंजाब के लोग चाहे वे पाकिस्तान के हों भारत के मुझे पंजाब की बेटी के रूप में जानते हैं. अपने भाषण के दौरान मरियम ने उर्दू शब्द 'वज़ीर आला' के बजाय हिंदी शब्द 'मुख्यमंत्री' का उपयोग किया.
मरियम ने गुरु नानक को किया याद
पंजाबी में बोलते हुए मरियम ने कहा, 'मैंने पढ़ा है कि बाबा गुरु नानक यहां आए थे. खेतों में काम करते थे, खुद खाना बनाते थे, लोगों की सेवा करते थे. मुझे खुशी है कि फसल का उपयोग तीर्थयात्रियों को लंगर में खिलाने, लोगों की सेवा करने के लिए किया जाएगा.' समावेशिता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'आज एक सरकार के रूप में पहली बार हम बैसाखी का त्योहार मना रहे हैं. आप पंजाब से हैं, मैं पाकिस्तान से हूं, लेकिन मैं भी एक सच्ची पंजाबी हूं.'
यह भी पढ़ेंः 'कारगिल ऑपरेशन 1971 के आत्मसमर्पण से भी बड़ी भूल,' पाकिस्तान के पूर्व सेना अधिकारी ने खोल दी पोल