Iran New President : ईरान को इब्राहिम रईसी के बाद नया राष्ट्रपति मिल गया है. मसूद पेजेशकियान ने शनिवार (6 जुलाई) को राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की. उन्होंने सईद जलीली को बड़े मार्जिन से हराया है. ईरान के रिश्तों को भारत के लिहाज से देखें तो राष्ट्रपति रईसी के शासन में ईरान से काफी अच्छी दोस्ती थी. ईरान के नए राष्ट्रपति की बात करें तो वह एक बेहद साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं.

भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने चुनाव परिणाम आने से पहले ही ईरान का रुख बता दिया था. उन्होंने कहा कि ईरान और भारत के बीच विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं होगा, चाहें सत्ता में कोई भी आए. बता दें कि इब्राहिम रईसी की मौत से पहले ही भारत के साथ चाबहार बंदरगाह को लेकर डील हुई थी. भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा कि हमें नया राष्ट्रपति मिल गया है, लेकिन ईरान की विदेश नीति और आंतरिक नीति में कोई बदलाव नहीं होगा. दोनों ही चर्चाओं में आंतरिक और बाहरी रूप से ईरानी शक्ति को मजबूत करने पर जोर दिया गया है.


भारत ईरान संबंध में नहीं होगा कोई बदलाव

भारत और ईरान के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत आर्थिक संबंध रहे हैं. मसूद पेजेशकियान के राष्ट्रपति बनने के बाद इन संबंधों के और भी मजबूत होने की संभावना है. इनमें मुख्य रूप से चाबहार बंदरगाह पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसके लिए भारत ने भारी निवेश किया है. वहीं, विशेषज्ञों का मानना ​​है कि ईरान की सामान्य विदेश नीति में बदलाव की संभावना नहीं है, चाहे अगला कोई भी सत्ता संभाले. हालांकि, नए राष्ट्रपति का काम करने का तरीका अलग हो सकता है. 


रईसी की मौत के बाद हुआ चुनाव
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की 19 मई को हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी. इसके बाद देश में राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा की गई थी. इससे पहले ईरान में इसी साल फरवरी में चुनाव हुए थे, जिसमें रईसी दोबारा देश के राष्ट्रपति बने थे.