Burkina Faso: पश्चिमी अफ्रीकी देश बुर्किना फासो से जनसंहार की खबर सामने आई है, इस घटना में देश की सेना को ही आरोपी बताया जा रहा है. आरोप है कि सैन्य बलों ने चरमपंथियों का सहयोग करने के मामले में दो गावों पर हमला कर दिया था, जिसमें 223 आम लोगों की जान चली गई, इस हमले में 56 बच्चों की भी मौत हुई है.
ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक, यह जनसंहार 25 फरवरी को देश के उत्तरी हिस्से में स्थित नोंदिन और सोरो गांवों में किया गया. बताया गया है कि बुर्किना फासो में आईएसआईएस और अलकायदा दोनों आतंकी संगठन लोगों का खून बहा रहे हैं, लेकिन इस बार आरोप देश के सैन्य बलों पर लगा है. मानवाधिकार संगठन ने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र और अफ्रीकी संघ से जांचकर्ता उपलब्ध कराने की मांग की है. साथ ही जिम्मेदार लोगों को इंसाफ के कटघरे में खड़ा करने का समर्थन किया है.
सही जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जरूरी
ह्यूमन राइट्स वॉच की कार्यकारी निदेशक तिराना हसन के मुताबिक, नोंदिन और सोरो गांव में सेना की तरफ से किया गया हमला आतंकरोधी अभियान का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि इस तरह का जनसंहार नए तरह का मामला है. उन्होंने इस जनसंहार को मानवता के खिलाफ बताते हुए विश्वसनीय जांच की मांग को लेकर अंतरराष्ट्रीय समर्थन की बात कही.
बुर्किना में आतंकवादी काफी सक्रिय
बुर्किना फासो की सरकार के प्रवक्ता ने 25 फरवरी को हुए इस जनसंहार पर टिप्पणी के आग्रह का जवाब नहीं दिया है. बताया जाता है कि आतंकवादी संगठन अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट समूह लगातार बुर्किना फासो में सैन्य बलों को निशाना बनाते हैं. इस झड़प में अभी तक 20 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. बुर्किना फासो में अक्सर हिंसा की घटनाएं सामने आती हैं, यहां पर अलकायदा और इस्लामिक स्टेट दोनों आतंकी सक्रिय हैं.
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