Hindus in Bangladesh: शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अत्याचार शुरु हो गया है. बांग्लादेश की मीडिया ने देशभर से हिंदुओं के घरों और मंदिरों को जलाये जाने की खबर रिपोर्ट की है. इन खबरों के बाद दुनियाभर के कट्टरपंथी मुसलमानों ने खुशी जताई है. कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार की उम्मीद जता रहे हैं. खुद को इस्लामिक विद्वान बताने वाले अबू नज्म फर्नांडो बिन अल-इस्कंदर ने बांग्लादेश से हिंदुओं को समाप्त करने की अपील की है. इस अपील को लेकर मौलाना ने एक्स पर ट्वीट किया है. 


मौलाना ने इस्लामी कानून का हवाला देते हुए कहा कि हिंदुओं के पास दो विकल्प हैं. पहला ये है कि मौत को गले लगा लें. खुद को पीएचडी का छात्र बताने वाले मौलाना ने कहा कि मुझे यह जानकर राहत हुई कि अहले सुन्ना इस्लामी कानून की चार में तीन विचारधाराएं कहती हैं कि हिंदुओं के पास केवल दो विकल्प हैं. पहली तलवार और दूसरी ये कि इस्लाम अपाना लें.  


मौलाना ने बताया मुस्लिम कानून
कट्टरपंथी मौलाना ने कहा कि 'हिंदुओं को शुक्रगुजार होना चाहिए कि उनका सामना हनफी से हुआ है.' मौलाना ने न मलिकी, शैफी और हनबली को खतरनाक बताया है. ये सभी चारों विचारधारायें सुन्नी मुसलमानों की हैं. मौलाना ने सऊदी अरब और कतर के प्रमुख सुन्नी विचारधारा हनबली का हावाले देते हुए बताया कि इसमें कहा गया है कि हिंदुओं को अलग दिखने के लिए आगे का आधा सिर मुंडवाना चाहिए.


हिंदुओं को कमतर बताने का प्रयास
मौलाना ने यह बताने का प्रयास किया है कि गैर मुस्लिमों के साथ अपमानजनक व्यवहार करना चाहिए, क्योंकि वे मुसलमानों से कमतर हैं. मौलाना ने कहा कि उन हिंदुओं से समस्या नहीं है जो मुस्लिम देशों में रहते हुए मुसलमानों के नीचे रहना स्वीकार करें. अपने धर्म के देवी-देवताओं की पूजा करना छोड़ दें और इस्लामा कानूनों का पालन करें. उसने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार को हिंदू प्रोपेगैंडा बताया और उम्मीद जताई की बांग्लादेश हिंदू प्रभाव और हस्तक्षेप से मुक्त हो जाएगा.