Israel Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने बड़ा बयान दिया है. यूएन ने कहा कि इजरायली हमलों में जिस तरह से गाजा में विध्वंस हुआ है, वैसा द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद देखने को नहीं मिला. संयुक्त राष्ट्र ने यह भी बताया कि अगर इजरायल-हमास की लड़ाई आज ही खत्म हो जाए तब भी इजरायली हमलों और जमीनी कार्रवाई नष्ट हुए मकानों के दोबारा से निर्माण में कम से कम साल 2040 तक का समय लग जाएगा.
संयुक्त ने राष्ट्र ने यह बयान गुरुवार को जारी किया, जिसमें कहा गया कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में हमास की तरफ से अचानक किए गए हमले के बाद शुरु हुए युद्ध का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. बयान में कहा गया कि गाजा की 23 लाख अबादी में से करीब 5 फीसदी आबादी इतनी जल्दी नष्ट हो गई, जो अप्रत्याशित है. आकलन के मुताबिक इजरायली हमले में अप्रैल मध्य तक फिलिस्तीन के 33 हजार से अधिक लोग मारे गए और 80 हजार से अधिक लोग घायल हुए. इसके अलावा करीब 7 हजार लोग लापता हैं, अनुमान लगाया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर लोग मलबे में दबे हो सकते हैं.
फिलिस्तीन की अर्थव्यवस्था में 81 फीसदी की गिरावट
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रशासक अचिम स्टीनर ने कहा, 'इजरायल-हमास के बीच युद्ध जारी रहने के वजह से गाजा और फिलिस्तीनियों को हर दिन कीमत चुकानी पड़ रही है.' संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोगि की रिपोर्ट से पता चलता है कि गाजा में किस तरह से लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है. युद्ध शुरू होने के बाद से यहां 2 लाख से अधिक लोगों की नौकरियां चली गई. साल 2023 की आखिरी तिमाही में फिलिस्तीन की अर्थव्यवस्था में 81 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
18 लाख फिलिस्तीनी हुए गरीब
अरब देशों के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के क्षेत्रीय निदेशक अल दरदारी ने एक संवाददाता सम्मेलन में रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि युद्ध की वजह से गाजा में करीब 50 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश नष्ट हो गया. इलके अलावा 18 लाख फिलिस्तीनी गरीबी रेखा के नीचे चले गए. रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में संयुक्त राष्ट्र मानव विकास सूचकांक 20 साल से अधिक पीछे जा चुका है. अनुमान लगाया गया है कि साल 2024 में गाजा की जीडीपी 51 फीसदी तक घट सकती है.
गाजा में कितने मकान हुए नष्ट
रिपोर्ट में नुकसान का दायरा और भी बढ़ने का अनुमान जताया गया है, क्योंकि युद्ध अभी भी जारी है. रिपोर्ट में बताया गया कि गाजा में कम से कम 37 लाख आवास इकाइयां क्षतिग्रस्त हो गईं, इनमें से 79 हजार इकाइयां पूरी तरह से नष्ट हो गईं. इनमें व्यावसायिक इमारतें भी शामिल हैं.
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