एक तरफ दुनिया के कई देश रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन पर हमले को लेकर उनकी आलोचना और प्रतिबंध लगा रहे हैं वहीं भारतीय मूल के रूसी विधायक और यूनाइटेड रशिया पार्टी के सदस्य डॉ अभय कुमार सिंह ने व्लादिमीर पुतिन का बचाव करते हुए कहा कि यूक्रेन को हमले से पहले बातचीत करने के पर्याप्त मौके दिए गए थे.
उन्होंने भारत से इसे जोड़ते हुए कहा, अगर चीन बांग्लादेश में अपना मिलिट्री बेस स्थापित कर ले तो भारत किस तरह प्रतिक्रिया देगा. उन्होंने कहा, 'अगर यूक्रेन नाटो का हिस्सा बनेगा तो नाटो रूस के और करीब आ जाएगा क्योंकि यूक्रेन हमारा पड़ोसी है और यह समझौते का उल्लंघन होगा. हमारे राष्ट्रपति और संसद के पास कोई और विकल्प नहीं था सिवाय एक्शन लेने के.'
कौन हैं अभय कुमार सिंह
- अभय कुमार सिंह बिहार के पटना में पैदा हुए. उन्होंने लोयोला हाई स्कूल से अपनी स्कूलिंग पूरी की है.
- इसके बाद वह 1991 में रूस शिफ्ट हो गए और पश्चिमी रूस की कुर्सक स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की.
- डॉक्टरी की प्रैक्टिस करने के लिए वह भारत वापस लौटे लेकिन बाद में अपना फार्मास्युटिकल बिजनेस शुरू करने के लिए रूस शिफ्ट हो गए.
- साल 2015 में वह यूनाइटेड रशिया पार्टी के मेंबर बन गए, जिसके अध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन हैं.
- साल 2018 में उन्होंने कुर्सक से प्रांतीय चुनाव जीता.
बीते दिनों अभय कुमार सिंह ने उन रिपोर्ट्स को भी खारिज कर दिया था, जिसमें कहा जा रहा था कि पुतिन यूक्रेन पर परमाणु हमला करने की योजना बना रहे हैं. इससे पहले पुतिन ने एक भाषण में कहा था, 'मैंने रक्षा मंत्री और चीफ ऑफ जनरल स्टाफ को रूसी सेना को खास तरह की लड़ाई के लिए तैयार करने को कहा था. आप देख रहे होंगे कि पश्चिमी देशों का हमारे देश के साथ आर्थिक मोर्चे पर गैर-दोस्ताना रवैया है. मेरा मतलब है- नाजायज प्रतिबंध.' पुतिन के इस बयान के बाद सिंह ने दावा किया था कि न्यूक्लियर ड्रिल करने के पीछे मकसद यह है कि अगर कोई देश रूस पर हमला करे तो जवाब दिया जा सके.