Viral News: यदि आपको भी लग्जरी कारों का शौक है तो आपने 2017 के वायरल रोल्स-रॉयस टर्बन चैलेंज और इसे शुरू करने वाले व्यक्ति के बारे में सुना होगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं भारतीय मूल के सरकार रुबेन सिंह की. जिन्होंने एक समय में ग्रेट ब्रिटेन में अपनी पगड़ी पहनने को लेकर नस्लभेदी टिप्पणी का सामना किया था, इस घटना ने रुबेन सिंह को इस कदर आहत किया कि इस शख्स ने ठान लिया कि उनके पास जितने रंग की पगड़ी रहेगी, वह उतनी ही रॉल्स रॉयस गाड़ियों के मलिक रहेंगे. 


तमाम मुश्किलें, बिजनेस में उतार चढ़ाव के बीच रुबेन सिंह ने अपने लक्ष्य को आखिरकार पूरा कर दिखाया. मौजूदा समय में भारतीय मूल के इस शख्स के पास ग्रेट ब्रिटेन में आलीशान घर, प्राइवेट जेट, 15 रोल्स रॉयस लग्जरी कारों समेत कई लग्जरी गाड़ियां मौजूद हैं. तो चलिए आपको भारतीय मूल के इस शख्स के बारे में और इनकी कारों के कलेक्शन के बारे में बताते हैं. 


भारतीय मूल के रुबेन सिंह के पिता 1960 में दिल्ली से ब्रिटेन गए थे. वहीं रूबेन का जन्म हुआ. जिसके बाद वो वहीं के हो गए. हालांकि वो जन्मे और पले बढ़े भले ही ब्रिटेन में लेकिन उन्होंने अपनी सभ्यता और अपने इतिहास को कभी नहीं भुलाया. वह कॉन्टैक्ट सेंटर कंपनी alldayPA के साथ ही बुटिक प्राइवेट इक्विटी फर्म Isher Capital के मालिक हैं. उन्हें "ब्रिटिश बिल गेट्स" कहा जाता है. 


बर्बादी के कगार पर पहुंच गए थे रुबेन सिंह 


एक दौर था जब रुबेन सिंह को अपने बिजनेस में लगातार नुकसान उठाना पड़ा था. हालत यह हो गई कि उन्हें अपना 10 मिलियन पाउंड का कारोबार 1 मिलियन पाउंड में बेचना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, उन्होंने संघर्ष जारी रखा और आज उनकी गिनती ब्रिटेन के कामयाब और मेहनती बिजनेसमैन की कैटिगिरी में टॉप 3 में होती है. 


चर्चा में कैसे आए थे रुबेन सिंह 


रुबेन सिंह तब चर्चा में आए, जब उन्होंने एक समय इंस्टाग्राम पर 7 दिन तक अलग-अलग कलर की पगड़ी पहन उससे मैच करते रंग की रोल्स रॉयल कारों के साथ तस्वीरें शेयर की थीं. जिसे बाद रोल्स-रॉयस टर्बन चैलेंज का नाम दिया गया था. दरअसल, एक अंग्रेज की ओर से उनकी पगड़ी के बारे में नस्लवादी टिप्पणी करने के बाद उन्होंने यह अनोखा प्रयोग किया था. 


घर डिलीवरी देने आए थे Rolls-Royce के CEO'


रूबेन सिंह को लेकर जो सबसे दिलचस्प बात है वह यह है कि जब उन्होंने अपनी पगड़ियों के रंग की रोल्स रॉयस खरीदने का चैलेंज पूरा किया तो कार कंपनी के CEO टॉर्स्टनन मुलर ओटवॉस खुद गाड़ियों की डिलीवरी यानी चाबी देने रूबेन सिंह के घर पर गए थे.


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