जुचितान दे जारागोजा: मैक्सिको में आए सदी के सबसे शक्तिशाली भूकंप में कम से कम 40 लोगों की जान चली गई. 8.2 तीव्रता का यह भूकंप प्रशांत क्षेत्र के तटीय हिस्से में आया जिससे कई इमारतें धराशायी हो गईं और घबराए हुए लोग सड़कों पर आ गए.
मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो ने 8.2 की तीव्रता वाले भूकंप को देश में शताब्दी के सबसे बड़े ज़लज़लों में से एक बताया है.
मैक्सिको के कृषि सचिव जोस कालजाडे ने कहा कि ओक्साका प्रांत में 25 लोग मारे गए.
दक्षिणीपूर्वी प्रशांत तटीय राज्य ओक्साका और चियापास भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं जहां 17 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया है.
अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या और भी बढ़ सकती है.
टीवी न्यूज चैनल मिलेनियो को आपातकालीन आपदा एजेंसी के महानिदेशक ल्यूस फेलिप प्यूंटे ने बताया, “मकान ढहे हैं और उसके मलबे में लोग दबे हुए हैं.” मैक्सिको की भूकंप संबंधी सेवा ने कहा कि भूकंप दक्षिणी चियापास राज्य के तटीय शहर तोनाला से करीब 100 किलोमीटर दूर प्रशांत सागर के अपतटीय इलाके में तकरीबन रात 11 बजकर 49 मिनट पर आया.
अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण ने भूकंप की तीव्रता 8.1 बताई है जिसका केन्द्र जमीन से 69.7 किलोमीटर गहराई पर था . इतनी तीव्रता का भूकंप 1985 में आया था जिसमें मैक्सिको सिटी में 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. यह देश में आया सबसे तबाही मचाने वाला भूकंप था.
भूकंप इतना शक्तिशाली था कि उसने अपने केंद्र से करीब 800 किलोमीटर दूर उत्तर में स्थित मैक्सिको सिटी में भी घरों और इमारतों को हिला दिया और लोग बाहर भागने लगे. भूकंप के झटके देश के बड़े हिस्से में महसूस हुए.