US Presidential Election: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ईरानी हस्तक्षेप को लेकर दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने बड़ा खुलासा किया है. माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ईरान अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करना चाहता है. कंपनी ने बताया कि एक मामले में 'ईमेल फिशिंग' के जरिए अमेरिका में चल रहे राष्ट्रपति चुनाव अभियान को निशाना बनाया गया है.
दरअसल, किसी की निजी या ऑनलाइन खातों की जानकारी चुराने को फिशिंग कहते हैं. इसके लिए ईमेल, विज्ञापन या ऐसी क्लोन साइटों का इस्तेमाल किया जाता है, जिस तरह की साइट का प्रयोग आप पहले से करते रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट से पता चलता है कि ईरान हाल के राष्ट्रपति चुनाव में सक्रिय रहा है. इसके साथ ही एक अन्य चुनाव के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रहा है, जिसका पूरी दुनिया पर असर पड़ सकता है.
दूसरी तरफ ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप कर रहा है या इसके लिए साइबर हमले कर रहा है. रिपोर्ट में अमेरिका में अराजकता फैलाने के अलावा ईरानी इरादों के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है. अमेरिकी अधिकारी पहले ही इस बात का संकेत दे चुके हैं कि ईरान विशेष रुप से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पसंद नहीं करता है. रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि कैसे रूस और चीन अपनी विभाजनकारी नीति को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी राजनीतिक ध्रुवीकरण का फायदा उठा रहे हैं.
माइक्रोसॉफ्ट ने क्या कहा?
माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट में ईरान की चार गतिविधियों की पहचान की गई है, जिनके बारे में कंपनी को उम्मीद है कि नंबवर आते-आते इन गतिविधियों को ईरान और भी बढ़ा सकता है. माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि वह हमेशा से इस बात पर नजर रखता रहाहै कि विदेशी दुश्मन एआई तकनीक का किस तरह से इश्तेमाल कर रहे हैं. इसके साथ ही अमेरिकी न्याय विभाग ने ईरान से ताल्लुक रखने वाले एक पाकिस्तानी शख्स के आपराधिक गतिविधियों का खुलासा किया है. इस शख्स पर अमेरिका के कई अधिकारियों जिसमें ट्रंप भी शामिल हैं, उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप है.
ईरान दूसरे देशों पर नहीं करता हस्तक्षेप-संयुक्त राष्ट्र मिशन
ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने एसोसिएटेड प्रेस को भेजे एक ईमेल में कहा कि ईरान खुद लंबे समय से साइबर क्राइम का शिकार रहा है. मिशन ने कहा कि ईरान के साइबर अभियान रक्षात्मक हैं. ईरान का साइबर हमला करने का न कोई इरादा है न ही कोई योजना है. अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव वहां का एक आंतरिक मामला है, जिसमें ईरान हस्तक्षेप नहीं करता है.
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