वाशिंगटन: सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी माइक्रोसाफ्ट ने कहा है कि दुनिया के कई देशों को प्रभावित करने वाले साइबर हमले ‘रैंसमवेयर’ को देखते हुए सरकारों को सतर्क हो जाना चाहिए. इस साइबर हमले से 150 से अधिक देशों में 2,00,000 इकाईयां प्रभावित हुई हैं.
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माइक्रोसॉफ्ट के एक्सपी जैसे पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर इस मालवेयर से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं. इसके प्रभावित होते ही कंप्यूटर की सभी फाइल लॉक हो जा रही हैं. इसकी पहचान सबसे पहले अमेरिकी खुफिया विभाग ने की.
समाचार चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) ने माइक्रोसाफ्ट को तीन महीने पहले इस बारे में सतर्क किया था. माइक्रोसाफ्ट ने स्थिति से निपटने के लिए एक उन्नत संस्करण जारी किया लेकिन कई उपयोगकर्ताओं ने इसे अबतक डाउनलोड नहीं किया.
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रिपोर्ट के अनुसार माइक्रोसाफ्ट के अध्यक्ष तथा मुख्य विधि अधिकारी ब्राड स्मिथ ने कल ब्लाग पर लिखा कि दुनिभर की सरकारों के लिये यह चेतावनी है और उन्हें इसको लेकर सतर्क हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कंपनियों, ग्राहकों तथा सरकार को साइबर हमलों से निपटने को लेकर साथ मिलकर काम करने की जरूरत है.
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रैंसमवेयर एक ऐसा गड़बड़ी पैदा करने वाला साफ्टवेयर है जिससे प्रभावित होते ही कंप्यूटर की सभी फाइल लॉक हो जा रही हैं. साइबर अपराधी उपकरणों को ठीक करने के लिए 300 अमेरिकी डॉलर मूल्य की डिजिटल मुद्रा बिटक्वाइन की मांग कर रहे हैं. यह मालवेयर ई-मेल के जरिये फैलता है.
उल्लेखनीय है किसप्ताहांत तक इस रैंसमवेयर के जरिए रूस और ब्रिटेन समेत 100 से अधिक देशों के कंप्यूटर सिस्टम पर साइबर हमला किया गया है. यह अब तक के इतिहास का सबसे व्यापक तौर पर फैलने वाला रैंसमवेयर है.