उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कहा है कि उनके पास राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन की जीत को चुनौती देने का अधिकार नहीं हैं. एक प्रमुख अखबार ने यह जानकारी दी है, जिसे ट्रंप ने “फर्जी खबर“ बताया है. “न्यूयॉर्क टाइम्स “ ने मंगलवार को खबर दी कि राष्ट्रपति ट्रंप के साथ साप्ताहिक दोपहर के भोज के दौरान पेंस ने उन्हें उक्त संदेश दिया. पेंस बुधवार को अमेरिकी सीनेट की अध्यक्षता करेंगे. सीनेट को हर राज्य के इलेक्टोरल कॉलेज मिलेंगे जो राष्ट्रपति पद के चुनाव में विजेता तय करेंगे.
डेमोक्रेटिक पार्टी के बाइडन ने नवंबर में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रंप को शिकस्त दी है. बाइडन को 306 इलेक्टोरल कॉलेज मिले जबकि ट्रंप को 232 इलेक्टोरल कॉलेज प्राप्त हुए. साथी ही बाइडन को ट्रंप की तुलना में 70 लाख मत ज्यादा मिले हैं. रिपब्लिकन पार्टी के ट्रंप ने चुनाव में हार को स्वीकार नहीं किया है और यह असत्यापित दावे किए हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में धांधली हुई है. उनके प्रचार अभियान से जुड़े लोगों ने अमेरिकी अदालतों में दर्जनों मुकदमे दायर कर चुनाव के नतीजों को चुनौती दी लेकिन ये मुकदमें अदालतों में टिक नहीं पाए.
“न्यूयॉर्क टाइम्स“ ने अज्ञात लोगों के हवाले से खबर दी है, “ उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने मंगलवार को राष्ट्रपति ट्रंप को बताया कि श्रीमान ट्रंप के आधारहीन दावों के बावजूद उनके पास ऐसी शक्तियां नहीं हैं जो राष्ट्रपति चुनाव में जोसेफ आर बाइडन जूनियर की जीत का प्रमाणीकरण करने से कांग्रेस (संसद) को रोक पाएं.“
बहरहाल, ट्रंप ने रिपोर्ट को “फर्जी खबर“ बताते हुए कहा कि पेंस ने उनसे ऐसा कभी नहीं कहा जैसा समाचार में कहा गया है. ट्रंप के प्रचार अभियान की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “आज माइक पेंस द्वारा मुझसे की गई टिप्पणी के बारे न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट फर्जी खबर है. उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा. उपराष्ट्रपति और मेरे बीच इस बात को लेकर पूर्ण सहमति है कि कार्रवाई करने की शक्ति है.“
ट्रंप ने दावा किया कि तीन नवंबर को हुए चुनाव भ्रष्ट थे और संविधान के मुताबिक नहीं थे. स्थानीय न्यायाधीशों और राजनीतिक नेताओं के कहने पर, न कि जन प्रतिनिधियों के कहने पर, बड़े स्तर पर चुनावी नियम-कायदों में बदलाव किए गए. इसका मतलब चुनाव अवैध थे. ट्रंप ने कहा, “हमारे उपराष्ट्रपति के पास अमेरिकी संविधान के तहत कई विकल्प हैं. वह (चुनाव के) परिणामों को गैर प्रमाणित कर सकते हैं या बदलाव और प्रमाण पत्र के लिए नतीजों को वापस राज्यों को भेज सकते हैं. वह अवैध और भ्रष्ट नतीजों को गैर प्रमाणित कर सकते हैं और उन्हें एक राज्य एक वोट की तालिका बनाने के लिए प्रतिनिधि सभा को भेज सकते हैं.“
ट्रंप ने ट्विटर पर मंगलवार को कहा, “ उपराष्ट्रपति को धोखाधड़ी से चुने गए इलेक्टोरल को खारिज करने का अधिकार है.“ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि अगर उपराष्ट्रपति ऐसा करते हैं तो वे राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत जाएंगे. ट्रंप ने दावा किया कि कई राज्य चाहते हैं कि उन्होंने गलत संख्या को प्रमाणित करके जो गलती की है उसमें सुधार करें, क्योंकि उनके राज्य विधानमंडल ने इसे मंजूरी नहीं दी थी. पेंस ने अब तक सार्वजनिक तौर पर कोई बयान जारी नहीं किया है लेकिन उनके स्टाफ का कहना है कि उपराष्ट्रपति सांसदों की आपत्ति करने और बहस की मांग करने के अधिकार का समर्थन करते हैं.
पेंस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क शॉर्ट ने एक बयान में कहा, " उपराष्ट्रपति पेंस पिछले चुनाव में धोखाधड़ी और अनियमितता को लेकर लाखों अमेरिकियों की चिंताओं को साझा करते हैं." "न्यूयॉर्क टाइम्स" की खबर के मुताबिक, पेंस ने ट्रंप को यह बताने की कोशिश की है कि उनके पास चुनाव के नतीजों को पलटने के अधिकार नहीं हैं, जैसा ट्रंप समझते हैं.