Military Coup: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने देश में तख्तापलट की आशंकाओं के बीच खुफिया और न्याय मंत्रालय के प्रमुख लोगों के साथ आपात बैठक ली है. राष्ट्रपति के सहयोगी और नेशनलिस्ट मूवमेंट पार्टी के नेता डेवलेट बहसेली ने उनको सावधान किया था कि प्रवर्तन एजेंसियां देश में तख्तापलट करने वाली हैं, जिसके बाद रेसेप तैयप एर्दोगन परेशान हो गए. ऐसा बताया गया कि अंकारा में भारी संख्या में पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त करने के बाद इस तरह की स्थिति पैदा हुई है.
अंकारा के सिक्योरिटी डॉयरेक्ट्रेट में आपराधिक संगठन अहान बोरा कपलान से संबंध रखने वाले कई पुलिस अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया था. ऐसे में माना जा रहा है कि ये पुलिस अधिकारी सरकार के खिलाफ चाल चल रहे हैं. पुलिस अधिकारियों की बर्खास्तगी के बाद तुर्की की खुफिया एजेंसियों ने इन पुलिस अधिकारियों के घर में घुसकर गहन तलाशी ली थी. खुफिया एंजेसियों के अधिकारी पुलिस अधिकारियों के घर से अपराधिक संगठन से जुड़े सबूत जुटाने के लिए डिजिटल सामग्री जुटा रहे थे.
रेसेप तैयप एर्दोगन ने पूरी रात ली बैठक
रेसेप तैयप एर्दोगन के सहयोगी बहसेली ने बताया कि इतने पुलिस अधिकारियों के निलंबन को टाला नहीं जा सकता है. यह स्थिति सरकार के खिलाफ एक साजिश हो सकती है. यह साल 2016 की तरह तख्तापलट की कोशिश को दोहराने का प्रयास हो सकता है. यह भी बताया गया कि बहसेली की चेतावनी के बाद राष्ट्रपति एर्दोगन ने न्याय मंत्री यिलमाज टुनक और राष्ट्रीय खुफिया संगठन के निदेशक इब्राहिम कलिन के साथ रातभर बैठक ली.
तुर्कीः पहले भी हो चुका तख्तापलट का प्रयास
तुर्की सरकार ने 2016 में हुए तख्तापलट की कोशिश का आरोप अमेरिका स्थित इस्लामिक उपदेशक फेतुल्लाह गुलेन (FETO) के संगठन पर लगाया था. तुर्की का मानना था कि FETO सदस्यों ने साजिश रची थी, जिसके बाद तुर्की में 80 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. करीब डेढ़ लाख सिविल सेवकों और सैन्य कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया या इन्हें FETO से जुड़ा बताकर निलंबित किया गया. दूसरी तरफ साल 1999 से आत्मनिर्वासन की स्थिति में अमेरिका में रह रहे गुलेन ने इन आरोपों को सिरे खारिज कर दिया.
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