नई दिल्ली: चीन लाख दावे करता हो कि उसके यहां अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को पूरा सम्मान दिया जाता है लेकिन हकीकत इसके एकदम उल्टी है. चीन में अल्पसंख्यक नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.


इसका खुलासा एक गोपनीय रिपोर्ट से हुआ है जो मीडिया में लीक हो गई. इस रिपोर्ट के लीक होने के बाद चीन की सरकार इसके डैमेज कंट्रोल मे जुट गई है क्योंकि चीन को छवि खराब होने का खतरा महसूस हो रहा है. हालांकि इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.


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रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने 10 लाख से अधिक अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को हिरासत में रखा हुआ है. चीन इसे स्वैच्छिक कार्य प्रशिक्षण का नाम देता है. लेकिन ऐसा है नहीं. चीन ने शिनजियांग क्षेत्र में प्रशिक्षण के नाम पर गोपनीय केंद्र बना रखे हैं जिनमें उइगुरों और कजाक आदि समुदाय के लोगों को रखा हुआ है. बताया जा रहा है कि इस केंद्र के नाम पर इन समुदायों के लोगों को विचारधारा बदलने के लिए दबाव बनाया जाता है.


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यही नहीं इन समुदाय के लोगों को भाषा बदलने के लिए भी विवश किया जाता है. ऐसा न करने वालों को तरह तरह की यातनाएं दी जाती हैं. ये लोग केंद्र से भाग न सकें इसके लिए इन्हें कड़ी निगरानी में रखा जाता है. सुबह और शाम इनकी गिनती कराई जाती है,इन केंद्रों पर दबंग अधिकारियों की तैनाती की जाती है.


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