मॉडर्ना ने बुधवार को एलान किया कि कोरोना वायरस के दक्षिण अफ्रीकी वैरिएन्ट को निशाना बनानेवाली उसकी नई वैक्सीन टेस्टिंग के लिए तैयार है. अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी ने ये भी बताया कि वैक्सीन के डोज अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ को जांच के लिए भेज दिए गए हैं.


दक्षिण अफ्रीकी वैरिएन्ट के खिलाफ मॉडर्ना की पहल


आपको बता दें कि कोरोना वायरस का दक्षिण अफ्रीकी वैरिएन्ट ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है. इसके पीछे एंटीबॉडीज की कार्रवाई में बाधक बनने की वजह समझा जाता है क्योंकि एंटीबॉडीज कोरोना वायरस के पुराने स्ट्रेन पर हमलावर होती है. इसका मतलब हुआ कि जो मरीज वायरस की चपेट में पहले आ चुके थे, उनको दूसरी बार बीमार पड़ने का खतरा हो सकता. रिसर्च से भी पता चला है कि दक्षिण अफ्रीकी वैरिएन्ट ने वर्तमान वैक्सीन से मिलनेवाली सुरक्षा को आंशिक तौर पर कम किया है. हालांकि, शुरुआती परीक्षण में मॉडर्ना की मूल वैक्सीन एमआरएनए-1273 उभरते वैरिएन्ट्स के खिलाफ प्रभावी साबित हुई है. कंपनी ने कहा है कि कई रणनीतियों के तहत वैरिएन्ट विशिष्ट वैक्सीन को विकसित करने पर विचार किया जा रहा है.


कोविड-19 वैक्सीन के डोज को टेस्टिंग के लिए भेजा


सोमवार को अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने दवा निर्माता कंपनियों को बड़ी राहत देने का एलान किया. उसने कहा कि वैरिएन्ट विशिष्ट वैक्सीन बनानेवाली कंपनियों को लंबी मंजूरी की प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं होगी जैसा कि उन्हें मूल वैक्सीन के लिए गुजरना पड़ा था. मॉडर्ना ने भी अपनी वैश्विक उत्पादन क्षमता बढ़ाने का एलान किया. उसने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो कंपनी 2020 में अपनी वैक्सीन का 1.4 बिलियन डोज तक बनाने में सक्षम होगी. इसके अलावा, उसने ये भी कहा कि कंपनी 2021 के लिए 600 मिलियन डोज से 700 मिलियन डोज अंतरराष्ट्रीय सतह पर अपना उत्पादन बढ़ा रही है. मॉडर्ना अमेरिका में 55 मिलियन डोज समेत अब तक 60 मिलियन डोज की खेप भेज चुकी है.


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