नई दिल्लीः पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी से जूझ रही है. विश्व में कोरोना के मामले 6 करोड़ से ज्यादा हो चुके हैं. सभी को कोरोना की वैक्सीन से ही उम्मीद नजर आ रही है. इसी बीच अमेरिकी फर्म ‘मॉडर्ना’ ने एक राहत भरी जानकारी दी है. कंपनी ने सोमवार को अमेरिका और यूरोप में अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए नियामक (रेगुलेटरी) में आवेदन किया है. क्लीनिकल ट्रायल में वैक्सीन 94.1% तक असरदार साबित हुई है.


कंपनी का कहना है कि इस वैक्सीन से अब तक किसी प्रकार का कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है. ऐसे में उम्मीद है कि अमेरिका और यूरोप में मंजूरी मिलने के बाद इस वैक्सीन को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है. कंपनी की मानें तो इस वैक्सीन की प्रभावकारिता दर उम्र, नस्ल, लिंग जनसांख्यिकी में काफी बेहतर देखी गई है. आवेदन के बाद अमेरिका और यूरोप के नियामक इस वैक्सीन से जुड़े डेट का अध्ययन कर देखेंगे कि इस वैक्सीन को मंजूरी दी जानी चाहिए या नहीं.


मॉडर्ना के चीफ मेडिकल ऑफिसर टेल जक्स ने कहा, “हम मानते हैं कि हमारे पास एक वैक्सीन है जो बहुत ही प्रभावशाली है. अब हमारे पास इसे साबित करने के लिए डेटा है. हम इस महामारी को काबू करने में एक प्रमुख भूमिका निभाने की उम्मीद कर रहे हैं." मॉडर्ना ने अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के साथ अपनी वैक्सीन बनाई है. बीते 16 नवंबर को पता चला कि वैक्सीन 94.5 प्रतिशत प्रभावी है. हालांकि कंपनी ने कहा कि उसे सप्ताहांत में अंतिम आवश्यक परिणाम मिले, जिसने संकेत दिया कि वैक्सीन 94.1 प्रतिशत प्रभावी है.


मॉडर्ना का कहना है कि वैक्सीन आपातकालीन उपयोग के लिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं को पूरा करती है. कंपनी ने कहा कि जितने भी लोगों के ऊपर वैक्सीन का ट्रायल किया गया, उनमें हल्के लक्षणों के अलावा किसी तरह के गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखे गए. ऐसे में वैक्सीन को नियामक से मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है.