अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना की तरफ से तैयार कोरोना वैक्सीन को लेकर यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इमरजेंसी अप्रुवल को लेकर एक्सपर्ट के साथ बैठक से पहले सकारात्मक संकेत दिए हैं. वैक्सीन के बारे में एफडीए ने कहा कि आपात इस्तेमाल की मंजूरी को लेकर कोई खास सुरक्षा चिंता सामने नहीं आई है. इसके साथ ही, कुल मिलाकर 94.1 फीसदी असर देखने को मिला है.


मॉडर्ना कंपनी ने सबसे पहले मार्च में अपनी वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू किया था और नवंबर के शुरू में अंतिम चरण के शुरुआती नतीजों की जानकारी दी. उसमें कहा गया कि उसकी वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा देने में 95 फीसदी असरदार है.


ये भी बताया गया कि जिन लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण किया गया, उनमें से किसी में भी बीमारी के लक्षण नहीं देखे गए. अंतिम नतीजे के बाद कंपनी ने वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए अमेरिका और यूरोप में आवेदन और डेटा भी जमा करा दिया है. मॉडर्ना की वैक्सीन में फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक की तरह एमआरएनए तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसके लिए वायरस के जेनेटिक कोड से मदद ली गई.





इधर, अमेरिका की ड्रगमेकर कंपनी फाइजर ने हाल ही में भारत में अपने कोरोनावायरस वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मांग की है. इस वैक्सीन को दवा कंपनी फाइजर और बायोएनटेक मिलकर बना रही हैं. इसका फेज-3 का ट्रायल यूरोप और उत्तरी अमेरिका के विभिन्न शहरों में हो चुका है. ये वैक्सीन कोरोना वायरस पर 90 फीसदी सफल है


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