Moderna का कोरोना वायरस वैक्सीन लगभग 95 प्रतिशत प्रभावी पाया गया- प्रारंभिक विश्लेषण
इस शुरुआती परिणाम से संयुक्त राज्य अमेरिका को यह संभावना जगी है कि वर्ष के अंत तक कि दो कोरोना वायरस वैक्सीन एक सीमित आधार पर उपलब्ध हो सकते हैं.
बायोटेक्नोलॉजी फर्म Moderna ने सोमवार को घोषणा की कि प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि एक्सपेरिमेंटल कोरोना वायरस वैक्सीन बीमारी को रोकने में लगभग 95 प्रतिशत तक प्रभावी है, जिसमें गंभीर मामले भी शामिल हैं.
इस प्रारंभिक शुरुआती परिणाम से संयुक्त राज्य अमेरिका को यह संभावना जगी है कि वर्ष के अंत तक कि दो कोरोना वायरस वैक्सीन एक सीमित आधार पर उपलब्ध हो सकते हैं.
यह खबर फार्मास्युटिकल दिग्गज Pfizer और उसके जर्मन पार्टनर BioNTech द्वारा उनके कोरोनावायरस वैक्सीन के 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावी रहने की घोषणा करने के एक हफ्ते बाद आई है. Pfizer और BioNTech की इस घोषणा ने शेयर बाजार और लोगों की उम्मीदों को बढ़ा दिया था.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक एंथनी एस फौसी ने कहा, “यह बहुत अच्छी न्यूज है. अगर आप आंकड़ों को देखें तो नंबर्स खुद अपनी बात बोलते हैं.” फौसी उन तीन लोगों में शामिल हैं जिन्हें रविवार सुबह एक स्वतंत्र कमेटी ने डाटा पर ब्रीफ किया.
फौसी ने कहा, ”मैं एक यर्थाथवादी हूं लेकिन बुनियादी तौर मैं एक सतर्क आशावादी हूं. मैं समझता हूं तो कि हम इससे कुछ कम पा जाएंगे. मैंने कहा कि 90 प्लस प्रभावी वैक्सीन संभव है लेकिन मैं गिनना नहीं चाहता.” Moderna ने वैक्सीन को फौसी इस्टीट्यूट के साथ मिलकर डेवलप किया है. 30 हजार लोगों पर इसका प्रयोग किया गया है. इनमें आधे को वैस्कीन की दो डोज मिली जबकि आधे को placebo मिली.यह भी पढ़ें: