Mohamed Muizzu India Visit: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुईज्जू इस वक्त भारत में हैं. भारत यात्रा के दौरान उनके तेवर बदले-बदले नजर आए. अब वो भारत के खिलाफ नहीं बल्कि चीन के खिलाफ कदम उठा रहे हैं. उन्होंने एक बड़ा फैसला लिया है. मुइज्जू ने मालदीव में चीनी कंपनी से लामू गाधू ट्रांसशिपमेंट पोर्ट प्रोजेक्ट पर किया गया करार खत्म कर दिया है और उसे भारत को सौंप दिया है.
आपको बता दें कि लामू गाधू ट्रांसशिपमेंट पोर्ट प्रोजेक्ट का काम कंप्लीट करने का पहले कॉन्ट्रैक्ट चीन की कंपनी को मिला था. चीन की CAMCE कंपनी लिमिटेड के साथ मालदीव सरकार ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था. ऐसा बताया जाता है चीन की कंपनी इस प्रोजेक्ट को लेकर काफी सुस्त पड़ी थी और काम बेहद धीमी गति से चल रहा था. मुइज्जू इसी बात से नाराज थे और उन्होंने भारत के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम करने का प्लान बनाया.
भारत में ताजमहल देख उसकी खूबसूरती के कायल हुए मुइज्जू
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और प्रथम महिला साजिदा मोहम्मद ने मंगलवार को ऐतिहासिक ताजमहल का दीदार किया और उनके पास 17वीं शताब्दी की इस अद्भुत वास्तुकला को बयां करने के लिए शब्द नहीं थे. चार-दिवसीय द्विपक्षीय यात्रा पर भारत आए मुइज्जू ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘‘इस मकबरे की खूबसूरती का वर्णन करना कठिन है. मंत्रमुग्ध कर देने वाली यह धरोहर उत्कृष्ट प्रेम तथा वास्तुशिल्प का प्रमाण है.’’
बता दें कि मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है. उन्होंने अपने चुनावी कैंपेन के दौरान भी भारत विरोधी एजेंडा को बढ़ावा दिया था. उन्होंने इंडिया आउट कैंपेन की शुरूआत की थी, हालांकि अब उनके तेवर बदल गए हैं. लगातार प्रर्यटन उद्योग में हो रहे घाटे से वो समझ गए हैं भारत के साथ संबंध खराब कर उनको और उनकी देश को नुकसान हो रहा है. ऐसे में भारत के लिए लामू गाधू ट्रांसशिपमेंट पोर्ट प्रोजेक्ट का करार बड़ी कुटनीतिक सफलता है.