मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के भारत दौरे ने कई मुल्कों को हैरत में डाल दिया है. कुछ महीने पहले जिनके मंत्री भारत को लेकर बयानबाजी कर रहे थे, इंडिया आउट कैंपेन चलाई और भारतीय फौजियों की वापसी को लेकर बेहद खराब रवैया अपनाया वो अब भारत आए हैं. वह रविवार (6 अक्टूबर, 2024) को 5 दिवसीय दौरे पर आए हैं. पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने उनकी इस यात्रा को लेकर सवालिया निशान खड़े किए हैं. उनका कहना है कि मोहम्मद मुइज्जू को भारत से फाइनेंशियल हेल्प चाहिए है. उन्होंने कहा कि पहले वह चीन गए और फिर भारत पहुंच गए, दोनों देशों का उन पर डेढ़ अरब डॉलर का कर्ज है और ये देश मालदीव के कर्जे को रोल ओवर कर रहे हैं.
कमर चीमा ने कहा कि मुइज्जू साहब की पूरी कैंपेन इंडिया आउट पर थी, जिसकी वजह से ताल्लुकात भी खराब हो गए, लेकिन मालदीव को फाइनेंशियली हेल्प भी चाहिए थी. हालांकि, उन्होंने स्मार्टली सब किया है. उन्होंने कहा कि पहल मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के लिए इतना जहर उगला और अब आर्थिक हेल्फ भी ले रहे हैं. कमर चीमा ने बताया कि मालदीव के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में 300-400 मिलियन डॉलर रह गए थे, एक-दो महीने की उनकी इंपोर्ट रह गई थी. मूडीज ने भी पिछले महीने मालदीव की रेटिंग डाउनग्रेड कर दी थी और उसकी डिफॉल्ट रिस्क रेटिंग बढ़ गई थी.
बहुत स्मार्ट हैं मोहम्मद मुइज्जू, बोले पाक एक्सपर्ट
उन्होंने कहा, 'पहले मोहम्मद मुइज्जू तुर्किए और चीन चले गए और जब उन्होंने देख लिया तो अब वह इंडिया भी आ गए हैं. पहले उन्होंने एंटी इंडिया कैंपेन शुरू की और अब एयर इंडियन फोर्स के प्लेन पर बैठकर आ गए हैं. मोहम्मद मुइज्जू स्मार्ट हैं.' कमर चीमा ने बताया कि क्यों मोहम्मद मुइज्जू ने राष्ट्रपति बनती ही भारत को लेकर ऐसी चीजें की. उन्होंने कहा कि अगर मुइज्जू सत्ता संभालते ही भारत आ जाते और मदद की मांग करते तो हो सकता है कोई मसला पैदा हो जाता, लेकिन उन्होंने क्या किया पहले चीन चले गए और स्टेट विजिट का भी मजा लिया. उन्होंने कहा कि चीन को लगा होगा कि वह भारत के खिलाफ मालदीव का इस्तेमाल करेगा. उधर, चीन जाकर मालदीव ने पहले भारत को अलर्ट किया और फिर वहां भी पहुंच गए.
मालदीव पर भारत और चीन का कितना कर्ज?
कमर चीमा ने कहा कि इमरान खान और शहबाज शरीफ से ज्यादा तो चीन ने मालदीव के राष्ट्रपति का वेलकम किया. उसको लगता है कि नया मुल्क है और भारत को काउंटर करने के काम आएगा. कमर चीमा ने आगे कहा कि मालदीव के मजे हैं भारत और चीन के उस पर डेढ़-डेढ़ बिलियन डॉलर के कर्जे हैं, जिन्हें उसने रोल ओवर करवा लिया है. ये देखिए कि 1200 कोरल आईलैंड और साढ़े पांच लाख आबादी है वाले देश की चीन और भारत में अहमियत देखिए. एक तरफ चीन गर्मजोशी से वेलकम कर रहा है दूसरी तरफ भारत एयरफोर्स का जहाज लेने के लिए भेजता है.
भारत के लिए 1-2 अरब डॉलर मदद करना बड़ी बात नहीं, बोले कमर चीमा
कमर चीमा ने आगे बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर भी मालदीव को जाकर हेल्थ केयर प्रोजेक्ट्स के लिए फाइनेंशियल पैकेज देकर आए. भारत के लिए ये पैकेज देना कोई बहुत बात नहीं है. भारत ने सोचा हुआ है कि 1-2 अरब देकर छोटे-छोटे पड़ोसी मुल्कों को अपने साथ मिला लो. उन्होंने कहा कहा कि इंडिया ऐसा मुल्क है जो अपने आस-पास के देशों में शांति रखना चाहता है. उसको पता है कि मालदीव उसके खिलाफ बोल सकता है, लेकिन वह भारत उसके साथ इस तरह रहेगा जैसे कोई छोट सा मोहल्ला है या स्टेट है.
इंडिया आउट पर था मोहम्मद मुइज्जू का पूरा कैंपेन, कमर चीमा ने कहा
कमर चीमा ने कहा कि मालदीव अब कह रहा है कि वह भारत को अपनी प्राथमिकता मानता है. पहले नहीं कह रहे थे, पहले तो लड़ रहे थे. उनकी फौजियों को भी निकाल दिया. उन्होंने कहा कि साल 2023 में जब मोहम्मद मुइज्जू पावर में आए तो मालदीव में इंडिया आउट कैंपेन चल गई. तब वह कह रहे थे कि समुद्र के अंदर भारतीयों को अलाउ नहीं करेंगे. अब उसमें बदलाव आ गए हैं. उन्होंने कहा कि इसका मतलब ये है कि मालदीव अपनी बोली लगा रहा था और इंडिया ने वो बोली लगा दी है. मालदीव पोटेंशियल डिफॉल्ट के चक्कर में भी आने लगे थे, जिसमें 50 मिलियन डॉलर की भी एक इस्लामिक बॉन्ड पेमेंट थी, जिसे भारत ने थोड़ा एक्सटेंड कर दिया.
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