बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद कौन होगा अगला पीएम? जानिए
Bangladesh Next PM: बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देने के बाद अंतरिम सरकार चलाई जाएगी. फिलहाल सेना ने कमान संभाली हुई है.
Bangladesh Government Crisis: बांग्लादेश में तख्तापटल हो गया है. शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत पहुंची हैं. कई हफ्तों से चल रहे घातक विरोध प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश की 76 वर्षीय प्रधानमंत्री ने देश छोड़ दिया, जिससे यह महत्वपूर्ण सवाल उठा कि अब उनके बाद देश का पीएम कौन होगा. दरअसल, बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने सैन्य अधिग्रहण की संभावना को खारिज कर दिया और अंतरिम नागरिक सरकार के गठन की घोषणा की.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अगली अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री बन सकते हैं. मोहम्मद यूनुसनोबेल पुरस्कार विजेता हैं. इनके नाम की चर्चा शान्ति बहाल करने के लिए सामने आ रही है. अन्य नाम जो चर्चा में हैं, उनमें प्रसिद्ध वकील सारा हुसैन, बांग्लादेश सेना के रिटायर्ड थ्री स्टार जनरल जहांगीर आलम चौधरी और बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर सालेहुद्दीन अहमद.
कौन हैं मोहम्मद युनुस?
बांग्लादेश के एक सामाजिक उद्यमी, बैंकर, अर्थशास्त्री और सिविल सोसायटी के नेता मुहम्मद यूनुस का जन्म 28 जून, 1940 को हुआ था. उन्होंने ग्रामीण बैंक की स्थापना की और माइक्रोक्रेडिट और माइक्रोफाइनेंस के विचारों का आविष्कार किया, जिसके लिए उन्हें 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यूनुस और ग्रामीण बैंक को "माइक्रोक्रेडिट के माध्यम से नीचे से आर्थिक और सामाजिक विकास बनाने के उनके प्रयासों के लिए" नोबेल शांति पुरस्कार मिला.
मोहम्मद युनुस को मिल चुके हैं कई और अवॉर्ड
यूनुस ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई अन्य पुरस्कार जीते हैं. 2009 में उन्हें यूएस प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया गया और 2010 में उन्हें कांग्रेसनल गोल्ड मेडल दिया गया.
फरवरी 2011 में, यूनुस ने सास्किया ब्रुइस्टेन, सोफी ईसेनमैन और हंस रीट्ज के साथ मिलकर यूनुस सोशल बिजनेस - ग्लोबल इनिशिएटिव्स (YSB) की सह-स्थापना की. उन्हें 2012 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो कैलेडोनियन विश्वविद्यालय का चांसलर नियुक्त किया गया था और उन्होंने 2018 तक उस पद पर कार्य किया. इसके अलावा, 1998 से 2021 तक यूनुस ने संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन के निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में भी काम किया, जो एक सार्वजनिक चैरिटी है जो संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों का समर्थन करती है.
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