ब्रिटेन में मंकीपॉक्स संक्रमण के प्रकोप की पुष्टि, जानिए क्या है इसके लक्षण और इलाज
Monkeypox: मंकीपॉक्स का प्रकोप आम तौर से मध्य और पश्चिम अफ्रीका में होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि ये संक्रामक नहीं है लेकिन पब्लिक हेल्थ वेल्स और पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड दोनों मामलों की निगरानी रख रहे हैं.
मैट हैनकॉक ने पुष्टि की है कि ब्रिटेन मंकीपॉक्स के प्रकोप से निपट रहा है. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्री ने उस बारे में ज्यादा जानकारी देने से इंकार कर दिया कि कब या कैसे संक्रमण के मामले उजागर हुए, लेकिन वेल्स में वायरस की पहचान होने के बाद एक ही घर परिवार के दो सदस्यों की निगरानी की जा रही है. स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में एक संक्रमित शख्स का इलाज इंग्लैंड के अस्पताल में किया जा रहा है. पब्लिक हेल्थ वेल्स ने कहा है कि जनता को बीमारी का व्यापक खतरा 'कम' है. माना जाता है कि एक शख्स विदेश में वायरस से संक्रमित हुआ, और अपने साथ रहनेवाले किसी दूसरे को बीमारी फैला दिया. मैनहॉक ने ये एलान सांसदों की एक कमेटी को संबोधित करते हुए किया.
ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के प्रकोप से दहशत
पब्लिक हेल्थ वेल्स ने बयान में कहा, "आयातित मंकीपॉक्स के दो मामलों की पुष्टि हुई है और पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड और पब्लिक हेल्थ वेल्स उत्तरी वेल्स में उजागर हुए दोनों मामलों की निगरानी कर रहे हैं." ब्रिटेन में मंकीपॉक्स मामलों की सिर्फ चंद संख्या रही है, एनएचएस की वेबसाइट के मुताबिक, अधिकतर मामले अफ्रीका में पाए गए हैं और ब्रिटेन के मंकीपॉक्स मामले से संक्रमित होने का खतरा बहुत कम है. ये आम तौर से हल्की बीमारी होती है जो अपने आप इलाज के बिना ठीक हो जाएगी. कुछ लोगों को अधिक गहरा लक्षण विकसित हो सकता है, ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के मरीजों की देखभाल विशेष अस्पतालों में की जाती है.
मंकीपॉक्स और उसके लक्षण क्या हैं?
मंकीपॉक्स जूनोटिक है जो चेचक के एक ही परिवार से संबंध रखता है. हालांकि, चेचक से कम गंभीर मगर लक्षण में हल्का होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मंकीपॉक्स का वायरस एक ऐसी बीमारी की वजह बनता है जिसके लक्षण चेचक जैसे होते हैं, लेकिन कम गंभीर. संक्रमण के आम लक्षणों में बुखार, फुन्सी और बढ़े हुए लिम्फ नोड्स शामिल हैं. इंसानों में ये प्राथमिक तौर पर जंगली जानवरों जैसे चूहे या बंदरों से फैलता है, हालांकि बीमारी एक शख्स से दूसरे शख्स तक में भी फैल सकती है. हो सकता है कि वायरस से संक्रमित संख्या के दसवां हिस्से की मौत हो जाए. बीमारी की शुरुआत उच्च तापमान, सिर दर्द, मांसपेशी में दर्द, पीठ दर्द, ग्रंथियों में सूजन, ठंड, थकान से होती है. फुन्सी आम तौर से पहला लक्षण जाहिर होने के 1-5 दिनों बाद जाहिर होती है. धब्बे शरीर के अन्य हिस्सों तक फैलने से पहले चेहर पर अक्सर शुरू होते हैं.
मंकीपॉक्स का क्या इलाज?
सेंटर फोर डिजीज एंड कंट्रोल ने कहा है कि अब तक बीमारी की कोई विशेष दवा नहीं है और न ही मंकीफॉक्स के लिए कोई वैक्सीन विकसित की गई है. लेकिन, उसे चेचक की वैक्सीन सिडोफोविर, ST-246, और वीआईजी से नियंत्रित किया जा सकता है.
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