Monkeypox virus : कोरोना जैसी एक और महामारी ने 70 देशों में मचाया आतंक, जानें क्या है एमपॉक्स, इससे कैसे बचें
Monkeypox virus : कोविड-19 को लोग अभी भुला नहीं पाए कि अब एक और बीमारी ने खतरे की घंटी बजा दी है. एमपॉक्स (मंकी पॉक्स) दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में पैर पसारने लगा है
Monkeypox virus : कोविड-19 को लोग अभी भुला नहीं पाए कि अब एक और बीमारी ने खतरे की घंटी बजा दी है. एमपॉक्स (मंकी पॉक्स) दुनिया के 70 से ज्यादा देशों में पैर पसारने लगा है, जिससे सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है. इसी चिंता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. WHO ने यह घोषणा डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में वायरल संक्रमण के प्रकोप के बाद की गई है, जो पड़ोसी देशों में भी फैल गया है. 2 साल में यह दूसरी बार है, जब एमपॉक्स को वैश्विक आपातकाल घोषित किया गया है. किसी भी बीमारी के लिए आपातकाल तब ही घोषित किया जाता है, जब वह असामान्य तरीकों से फैल रही हो. इससे पहले अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने एमपॉक्स संक्रमण को लेकर महाद्वीप में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था. चेतावनी भी दी थी कि यह अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार कर सकता है, इसके बाद बुधवार को WHO ने बैठक के बाद इसकी घोषणा की.
27 हजार केस आए, 1100 लोगों की गई जान
दो साल पहले भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स को आपातकाल घोषित किया था. जब यह बीमारी विश्व स्तर पर फैलने लगी था, ये उन पुरुषों में ज्यादा फैल रही थी, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं. एमपॉक्स दशकों से अफ्रीका के कुछ हिस्सों में रहा है. पहला मामला 1970 में कांगो में सामने आया था और तब से इसका प्रकोप जारी है. कांगो में अब तक का सबसे खराब प्रकोप जनवरी 2023 में रहा. अब तक 27,000 मामले आए हैं और 1,100 से ज्यादा लोगों की मौतें हुई हैं, जिनमें से ज्यादातर बच्चे हैं. यह बीमारी फ्लू जैसे लक्षण और मवाद से भरे घाव पैदा करती है और आमतौर पर हल्की होती है, लेकिन जानलेवा हो सकती है।
क्या हैं मंकी पॉक्स के लक्षण?
इस वायरस की चपेट में आने के बाद शुरुआती लक्षण बुखार है. इसके बाद सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द और मांसपेशियों में दर्द जैस लक्षण भी दिख सकते हैं. बुखार उतरने के बाद शरीर पर चकत्ते आ जाते हैं, जो अक्सर चेहरे से शुरू होते हैं और शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल जाते हैं. इन चकत्तों में अधिक खुजली या दर्द हो सकता है. संक्रमण आम तौर पर अपने आप ठीक हो जाता है और 14 से 21 दिनों के बीच रहता है. गंभीर मामलों में घाव पूरे शरीर हो जाते हैं, जो मुंह, आंखों और गुप्तांगों पर होते हैं.
कैसे फैलती है ये बीमारी?
एमपॉक्स (मंकी पॉक्स) किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है. इसमें यौन संबंध और संक्रमित शख्स से करीब से बात करना शामिल है. यह शरीर में आंख, श्वसन तंत्र, नाक या मुंह से प्रवेश कर सकता है. मंकी पॉक्स संक्रमित शख्स की इस्तेमाल की गई चीजों को छूने से भी फैल सकता है. जैसे बिस्तर, बर्तन आदि. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, यह वायरस संक्रमित जानवर जैसे बंदर, चूहे और गिलहरी से यह भी फैल सकता है. हालांकि, साल 2022 में मंकी पॉक्स वायरस यौन संपर्क से अधिक फैला था. इस बार भी डीआर कांगो में मंकी पॉक्स फैलने का कारण यौन संपर्क ही है.
वायरस का इन लोगों पर ज्यादा असर
उन लोगों पर वायरस का सबसे ज्यादा असर पड़ता है, जो लोग एक से अधिक पार्टनर रखते हैं या नए पार्टनर रखते हैं. उसे भी संक्रमण हो सकता है, जो किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हो.
ऐसे करें मंकी पॉक्स से बचाव
इस बीमारी से बचने के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है. बताया गया कि मंकी पॉक्स से संक्रमित किसी व्यक्ति के करीब न जाएं और अगर आस पड़ोस में वायरस फैला हो तो साबुन से हाथ धोते रहें. जब तक कि गांठें ठीक न हो जाएं, संक्रमित व्यक्ति को अलग कर देना चाहिए. WHO का कहना है कि ठीक होने के 12 हफ्तों तक सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए. सबसे अच्छा तो ये है कि वैक्सीन लगवाई जाए. इस बीमारी की वैक्सीन होती है.
वेरिएंट बदलना भी चिंताजनक
यह वायरस भी अपना वेरिएंट बदलता जा रहा है. कांगो में इसकी शुरुआत क्लेड-I से हुई थी. विशेषज्ञों का कहना है कि एक नया वेरिएंट क्लेड Ib नियमित भी आसानी से फैलता हुआ दिख रहा है. सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर जानकारी देते हुए डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा है कि डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के पूर्वी हिस्सों में एमपॉक्स के नए वेरिएंट का उभरना और फैलना चिंताजनक है. पड़ोसी देशों में भी इसके मामले सामने आए हैं, जिसने चिंताएं बढ़ा दी हैं. उन्होंने ये भी कहा कि यह कोविड जैसा है, लेकिन कोराना नहीं है.