जापान के स्पेसक्राफ्ट 'मून स्नाइपर' की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग, ऐसा करने वाला पांचवां देश बना
जापान का अंतरिक्ष यान 'मून स्नाइपर' चंद्रमा पर उतर गया है. इसके साथ ही जापान चांद पर सफलतापूर्वक स्पेसक्राफ्ट भेजने वाला पांचवां देश बन गया है.
![जापान के स्पेसक्राफ्ट 'मून स्नाइपर' की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग, ऐसा करने वाला पांचवां देश बना Moon Sniper spacecraft touches down on the Moon making Japan fifth country to successfully land there जापान के स्पेसक्राफ्ट 'मून स्नाइपर' की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग, ऐसा करने वाला पांचवां देश बना](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/19/eef237bd005e5c34607cb219f04e41e11705679328053865_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
जापान ने अंतरिक्ष यान 'मून स्नाइपर' की चंद्रमा पर सफल लैंडिग करके इतिहास रच दिया है. इसके साथ ही जापान चांद पर सफलतापूर्वक स्पेसक्राफ्ट भेजने वाला पांचवां देश बन गया है. इससे पहले भारत, रूस, अमेरिका और चीन ही चांद पर पहुंचने में कामयाब हो सके हैं.
जापानी स्पेस एजेंसी JAXA ने कहा कि लैंडिग के लिए उसने 6000X4000 इलाका खोजा था. JAXA ने इसी इलाके में अपने स्लिम मून मिशन की लैंडिग की. स्पेस एजेंसी ने बताया कि उसका टारगेट स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग खोजे गए इलाके में ही करना था.
पिछले साल सितंबर लॉन्च हुआ था स्पेस क्राफ्ट
बता दें कि मून स्नाइपर को जापान की JAXA, नासा और यूरोपियन एजेंसी ने मिलकर तैयार किया है. इसे पिछले साल सितंबर में जापान के तांगेशिमा स्पेस सेंटर के योशीनोबू कॉम्पलेक्स से लॉन्च किया गया था. इस मिशन में 831 करोड़ रुपये से अधिक का खर्चा आया है.
इमेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी से लैस है स्पेस क्राफ्ट
जापान ने अपना स्पेस क्राफ्ट जिस इलाके मैं लैंड किया है वह चांद के ध्रुवीय क्षेत्र में है. यहां सबसे ज्यादा अंधेरा रहेता है. इस साइट का नाम शियोली क्रेटर है. एजेंसी के मुताबिक उसका स्पेसक्राफ्ट एक एडवांस ऑप्टिकल और इमेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी से लैस है.
प्लाजमा हवा की करेगा जांच
इसके अलावा इसमें एक्स-रे इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी भी मौजूद है. यह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा और वहां चलने वाली प्लाजमा हवा की जांच करेगा. इसके अलावा यह चांद की सतह पर मौजूद ओलिवीन पत्थरों की जांच भी करेगा. इससे ब्रह्मांड में मौजूद तारों और गैलेक्सी की जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी.
बता दें कि पिछले साल भारत ने चांद के साउछ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कर के इतिहास रच दिया था. भारत के भारत रूस ने भी अपना Luna-25 मून मिशन लॉन्च किया था, जोकि नाकाम हो गया था.
यह भी पढ़ें- उड़ान भरते अमेरिकी बोइंग कार्गो विमान से निकली आग की लपटें, मियामी एयरपोर्ट की गई इमरजेंसी लैंडिग
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)