जिनिवा: संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख ने आज कहा कि म्यामांर, दक्षिणी सूडान और दूसरे स्थानों पर हिंसा के कारण इस साल 20 लाख से अधिक लोगों को शरणार्थी का जीवन जीने को मजबूर होना पड़ा.साल 2016 के आखिर तक दुनिया भर में अपने घर को छोड़ने को मजबूर हुए लोगों की संख्या 6.56 करोड़ थी और इनमें से 2.25 करोड़ लोग पंजीकृत शरणार्थी हैं.


यूएनएचसीआर के प्रमुख फिलिपो ग्रैंडी ने कहा, ‘‘करोड़ों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की नाउम्मीदी हमारे सामूहिक अंत:करण पर एक दाग है. शरणार्थी संकट के समाधान के लिए और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि म्यामांर से भागकर बांग्लादेश पहुंचे पांच लाख रोहिंग्या मुसलमानों को मदद की सख्त जरूरत है.


उन्होंने कहा कि इसी दौरान दक्षिणी सूडान से 50,000 शरणार्थी और मध्य अफ्रीकी गणराज्य से 18,000 लोग भागने को मजबूर हुए. साल 2016 में यूएनएचसीआर के पास 4.4 अरब डॉलर का कोष था, लेकिन उसके पास अब भी जरूरी बजट में 41 फीसदी की कमी है.